Highlights
- सेंसेक्स 861.25 अंक की गिरावट के साथ 57,972.62 अंक पर बंद हुआ
- निफ्टी 246 अंक नुकसान के साथ 17,312.90 अंक पर बंद हुआ
- सेंसेक्स के शेयरों में 4.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में महिंद्रा रही
Stock Market Closing: घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को भारी गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 861 अंक से अधिक लुढ़क गया। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 861.25 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,972.62 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,466.4 अंक तक लुढ़क गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246 अंक यानी 1.4 प्रतिशत नुकसान के साथ 17,312.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 4.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में महिंद्रा एंड महिंद्रा रही। शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने से एक दिन में निवेशकों के दो लाख करोड़ डूब गए। दरअसल, शुक्रवार को जब बाजार बंद हुआ था तो बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2.96 लाख करोड़ रुपये था तो 29 अगस्त को बाजार बंद होने पर 2.74 लाख करोड़ रह गया। इस तरह निवेशकों को झटके में 2 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया।
इन कंपनियों के शेयरों में रही बड़ी बिकवाली
इसमें अलावा इन्फोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ मारुति, नेस्ले, एशियन पेंट्स, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट मामूली बढ़त में रहा।
वैश्विक बाजार में भी गिरावट
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘जैक्सन होल संगोष्ठी में जेरोम पावेल के नीतिगत मोर्चे पर आक्रामक रुख के बाद ब्याज दर में बड़ी वृद्धि की आशंका जतायी जा रही थी। लेकिन जुलाई में महंगाई दर में नरमी से निवेशक ब्याज दर में हल्की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’’
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से चिंता
उन्होंने कहा, ‘‘भारत जैसे उभरते बाजारों में बिक्री बढ़ने का प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली को लेकर चिंता है। हाल की तेजी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।’’ इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.79 प्रतिशत बढ़कर 101.8 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 51.12 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
रुपया 10 पैसे टूटकर 79.94 प्रति डॉलर पर बंद
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अपने अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 79.94 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में मजबूती के बीच रुपया कमजोर हुआ है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 80.10 के स्तर पर कमजोर खुला।