शेयर बाजार (Stock Market) में हफ्ते का पहना दिन उतार चढ़ाव से भरा रहा। हालांकि कारोबार के अंत में बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक हरे निशान पर बंद होने में कामयाब रहे। BSE सेंसेक्स 63.72 अंक चढ़कर 65,344.17 और एनएसई निफ्टी 24.10 अंक की तेजी के साथ 19,355.90 अंक पर बंद हुआ। आज के कारोबार में सेंसेक्स की 30 में से 9 कंपनियां हरे निशान पर बंद हुई। वहीं 21 कंपनियों में गिरावट दर्ज की गई।
आज के कारोबार में सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर सबसे तेजी के साथ चढ़ा। रिलायंस आज 3.78 प्रतिशत की तेजी के साथ टॉप गेनर में शामिल रही। इसके अलावा टाटा स्टील के शेयर 3.36 प्रतिशत, भारती एयरटेल में 1.56 प्रतिशत, इंडसइंड बैंक में 1.2 प्रतिशत की तेजी रही। इसके अलावा सनफार्मा, कोटक बैंक, अल्ट्राटेक , आईसीआईसीआई बैंक और टाटा मोटर्स के शेयर भी हरे निशान पर बंद हुए। वहीं टाइटन का शेयर सबसे ज्यादा पिटा और 3.2 प्रतिशत टूट गया। वहीं, एचसीएल टेक, टीसीएस, पावरग्रिड, विप्रो, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान युनिलीवर के शेयर में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
पहले ही दिन बाजार ने दिया पॉजिटिव सिग्नल
आज सुबह के कारोबार की बात करें तो निफ्टी 52 अंकों की बढ़त के साथ 19,384 पर कारोबार शुरू किया है तो वहीं सेंसेक्स भी 179 अंकों की उछाल के साथ 65,459 पर खुला। पिछले हफ्ते की बात करें तो शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर खुलता था और रिकॉर्ड स्तर पर ही बंद होता था। हालांकि शुक्रवार को इस तेजी में ब्रेक लगा और Sensex में 500 अंकों की गिरावट आई। इसका प्रमुख कारण मुनाफा वसूली थी।
इस वजह से बाजार में दिखी थी तेजी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने के पहले सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 22,000 करोड़ रुपये डाले हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अगर यह रुख जारी रहती है, तो जुलाई में एफपीआई का निवेश मई और जून से अधिक हो जाएगा। मई में एफपीआई का शेयरों में निवेश 43,838 करोड़ रुपये और जून में 47,148 करोड़ रुपये रहा था। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई मार्च से लगातार भारतीय शेयर बाजार में लिवाल रहे हैं। इस महीने सात जुलाई तक उन्होंने शेयरों में 21,944 करोड़ रुपये डाले हैं। मार्च से पहले विदेशी निवेशकों ने जनवरी और फरवरी में शेयरों से कुल मिलाकर 34,626 करोड़ रुपये निकाले था।
कंपनियों के परिणामों पर टिकी नजर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजारों में चौतरफा नरमी रही। लेकिन प्रमुख शेयरों में लिवाली से दोनों मानक सूचकांक मामूली बढ़त में रहने में कामयाब हुए। आईटी शेयरों में नरमी देखी गयी। कंपनियों के पहली तिमाही के परिणाम आने से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। ऐसी आशंका है कि इन कंपनियों के नतीजे कुछ हल्के रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा अमेरिकी बाजार से जो संकेत मिले हैं, वे अनुकूल नहीं हैं।
विदेशी बाजारों में भी नरमी
अमेरिका में खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद के बावजूद एक बार और ब्याज दर में वृद्धि की संभावना जतायी जा रही है।’’ एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.84 डॉलर प्रति बैरल रहा। बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को 505.19 और निफ्टी में 165.50 अंक की गिरावट आई थी।