Stock Exchange: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स (बीएसई सेंसेक्स) लाखों भारतीयों की जीवन रेखा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) को शुरू हुए 147 साल हो गए है। 9 जुलाई 1875 में इसकी शुरुआत हुई थी। इसे बीएसई-30 या सिर्फ सेंसेक्स के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय पूंजी बाजार के विकास में इस एक्सचेंज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके सूचकांक पर दुनियाभर की निगाहें रहती हैं। भारत के अलग-अलग सेक्टर्स की तीस प्रमुख, सक्रिय और वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियां इस बाजार का संचालन करती हैं। ये कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। हालांकि, आपको जानकार हैरानी होगा कि एशिया के सबसे प्राचीन स्टॉक एक्सचेंज बीएसई सेंसेक्स की शुरुआत किसी बिल्डिंग में नहीं थी, बल्कि एक बरगद के पेड़ नीचे हुई थी। आज जहां हार्निमन सर्कल है, जो साउथ मुंबई में एक जगह है, वहीं पर पेड़ के नीचे स्टाॅक एक्सचेंज की शुरुआत हुई थी।
पांच हजार से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध
बीएसई में 5246 से अधिक कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इस लिहाज से ये दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है। पिछले 147 साल से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारतीय बाजार की पूंजी व्यवस्था का निर्धारण कर रहा है।
कैसे अस्तित्व में आया बीएसई
एशिया के इस सबसे पुराने एक्सचेंज की स्थापना का श्रेय उन चार गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स को जाता है, जो 1850 के आसपास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई (तब बॉम्बे) के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या साल-दर-साल लगातार बढ़ती गई। कुछ समय बाद 1874 में मुंबई में देश की अर्थव्यवस्था के इस प्रतीक को दक्षिण मुंबई में ही एक स्थाई जगह मिली जो आज दलाल स्ट्रीट के रूप में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। 1875 में इन्होंने अपना 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ बना लिया। साथ ही दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया। आज इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।