ग्लोबल संकेतों के बीच राजधानी दिल्ली में गुरुवार को चांदी की कीमत में 1,100 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई, जबकि सोने के भाव में कोई बदलाव नहीं दर्ज किया गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, सोने की कीमत 71,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रही, वहीं चांदी चांदी की कीमत 1,100 रुपये की गिरावट के साथ 81,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। भाषा की खबर के मुताबिक, चांदी पिछले सत्र में 82,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
इस वजह से घटी कीमत
खबर के मुताबिक, सिक्का निर्माताओं और औद्योगिक इकाइयों की ओर से कमजोर उठान के कारण चांदी की कीमत में गिरावट आई। राष्ट्रीय राजधानी में 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना क्रमश: 71,350 रुपये और 71,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रहा। वैश्विक मोर्चे पर, कॉमेक्स पर सोना 2,396 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया, जो पिछले दिन से 3 डॉलर अधिक है।
सुरक्षित-संपत्तियों की तरफ झुके हैं निवेशक
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के उतार-चढ़ाव के बाद कॉमेक्स गोल्ड में स्थिरता रही। निवेशक जोखिम से बचने की भावना के साथ सुरक्षित-संपत्तियों की ओर झुके हुए हैं, जबकि कमजोर डॉलर सूचकांक और यूएस ट्रेजरी यील्ड सोने की कीमतों के लिए शुभ संकेत हैं। अबान्स होल्डिंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता कहते हैं कि पीली धातु की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, क्योंकि फेडरल रिजर्व (फेड) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बारे में आशावाद ने मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में गैर-उपज वाली संपत्ति को आकर्षक बना दिया है।
विदेशी बाजारों में चांदी स्थिर
भू-राजनीतिक तनाव जारी रहने से बढ़ते जोखिम ने पीली धातु के मूल सिद्धांतों को मजबूत रखा है। मेहता ने कहा कि व्यापारी मौद्रिक नीति पथ पर आगे की दिशा के लिए फेड सदस्यों के भाषणों पर नज़र रखेंगे। इस बीच, विदेशी बाजारों में चांदी 26.89 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही। प्रवीण सिंह – एसोसिएट वीपी, फंडामेंटल करेंसीज एंड कमोडिटीज, शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा ने कहा कि गुरुवार को बाद में जारी होने वाले अमेरिकी बेरोजगारी दावों के आंकड़े बाजारों में और अधिक अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।
इन पर आगे रहेगी नजर
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट - कमोडिटी एंड करेंसी, जतिन त्रिवेदी के अनुसार, बाजार सहभागियों को जुलाई के लिए आने वाले अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति के आंकड़ों का भी इंतजार रहेगा और सितंबर की शुरुआत में गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट ब्याज दरों में कटौती की निश्चितता की पुष्टि करने में महत्वपूर्ण होगी। त्रिवेदी ने कहा कि सोने के व्यापारियों को कीमतों की भविष्य की दिशा का अनुमान लगाने के लिए इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए।