घरेलू शेयर बाजार में सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 2 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क सेंसेक्स आज कारोबार के आखिर में 886 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 80,981.95 के लेवल पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) निफ्टी 293 अंक की गिरावट के साथ 24,717.70 पर बंद हुआ। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप बीते सत्र के लगभग 462 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 457 लाख करोड़ रुपये रह गया, जिससे निवेशकों को सिर्फ एक सत्र में लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बाजार में क्यों आई बड़ी गिरावट
शेयर मार्केट के टेक्निकल एक्सपर्ट कुणाल सरावगी का कहना है कि 2 अगस्त को घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के पीछे अमेरिकी बाजार और जापानी शेयर मार्केट में आई गिरावट है। शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कोई घरेलू वजह नहीं है। सरावगी ने निवेशकों के लिए कहा कि इस गिरावट से उनको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। इस गिरावट को महज एक घटना के तौर पर लिया जाना चाहिए, इसका कोई बड़ा प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर देखने को आगे नहीं मिलेगा। निवेशक पहले की तरह जैसे अपना कारोबार करते रहे हैं, वैसे ही करें। निवेश में अच्छी कंपनियों का चुनाव करें।
आज की गिरावट में ये फैक्टर भी शामिल
कमजोर वैश्विक धारणा का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा। अमेरिका और एशिया के प्रमुख बाजारों में गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताएं कम हो गईं और अमेरिका में उम्मीद से कमजोर फैक्ट्री डेटा सामने आए। इसके अलावा, मूल्यांकन को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं और विशेषज्ञों ने बताया है कि इस समय बाजार में सुधार की गुंजाइश है। इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव ने घरेलू बाजार की धारणा को भी प्रभावित किया। भारतीय कंपनी जगत के जून तिमाही के नतीजे अब तक मिले-जुले रहे हैं, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि बाजार मौजूदा मूल्यांकन स्तर को बरकरार नहीं रख पाएगा। भारतीय शेयर बाजार में अत्यधिक खरीदारी हुई, जो बार-बार रिकॉर्ड ऊंचाई को छू रहा था।
अमेरिका और जापान के बाजार हुए धड़ाम
अमेरिका में बेरोजगारी के दावे एक साल के टॉप लेवल पर पहुंचने और मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में संकुचन के बाद ग्लोबल इक्विटी में गिरावट आई। अमेजन के निगेटिव नतीजों और इंटेल की कमजोर बिक्री रिपोर्ट के बाद नैस्डैक 100 वायदा 1.6 प्रतिशत गिर गया। एशियाई बाजार पर गौर करें तो जापान के बेंचमार्क इंडेक्स में 2016 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जो मजबूत येन और निर्यात-संचालित अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों से प्रभावित थी। यूरोप का स्टॉक्स 600 इंडेक्स 1.5 प्रतिशत गिर गया।