Share Market Live News: दुनिया मंदी से परेशान है और भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स और निफ्टी में जारी गिरावट से चिंतित है। निवेशक लगातार शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी सेंसेक्स और निफ्टी में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। जब बाजार खुलता है तब थोड़ी सी तेजी सेंसेक्स और निफ्टी में नजर आती है, लेकिन कारोबार बंद होते-होते यह तेजी गायब हो जाती है। आज भी सेंसेक्स 48 अंकों की तेजी के साथ खुला है। अभी उसमें 185 प्वाइंट की तेजी देखी जा रही है। 59,753 पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी अब 40 अंकों के आंकड़े को पार कर लिया है। 18,559 पर अभी वह बिजनेस कर रहा है। बता दें कि शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट देखी गई थी। बीएसई सेंसेक्स 159.21 अंक टूटकर 59,567.80 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 47.55 अंक टूटकर 17,612.60 अंक पर बंद हुआ। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक, शेयर बाजार में एक बार फिर मुनाफावसूली हावी। इसके चलते बातार नीचे जा रहा है। निफ्टी का नेकस्ट सपोर्ट 17,500 पर है। वहां, से रिकवारी देखने को मिल सकती है। आपको बता दें कि आईटी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली तथा विदेशी कोषों की निकासी के बीच बुधवार को स्थानीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले थे।
इन शेयर में निवेश करने से हो सकता है मुनाफा
- जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर को सीएमपी पर खरीदें। लक्ष्य 767 रुपये रखें। स्टॉप लॉस 690 रुपये रह सकता है।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर को सीएमपी पर खरीदें। लक्ष्य 2400 रुपये रखें। स्टॉप लॉस 2325 रुपये रहने की उम्मीद है।
- एक्सिस बैंक के शेयर को सीएमपी पर खरीदें। लक्ष्य 915 रुपये रखें। स्टॉप लॉस 854 रुपये रहने की उम्मीद है।
लगातार बाजार छोड़ रहे निवेशक
कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार निवेशक तेजी से बढ़े थे लेकिन अब उसी अनुपात में भी घट भी रहें हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि पिछले 9 महीनों में 53 लाख शेयर बाजार निवेशकों ने बाजार को बॉय-बॉय बोल दिया है। आपको बता दें कि एनएसई पर सक्रिय ग्राहकों की संख्या मार्च में लगातार नौवें महीने घटकर 3.27 करोड़ हो गई। यानी जून 2022 में 3.8 करोड़ निवेशकों से 53 लाख की गिरावट आई। इसकी वजह पिछले करीब दो सालों बाजार की सुस्त चाल और निवेशकों को मिला नकारात्मक रिटर्न है। इसके साथ ही बाजार के जानकारों का कहना है कि वर्क फ्राॅम होम खत्म होने का असर भी बाजार पर हुआ है। युवा निवेशक कोरोना के बाद तेजी से बढ़े थे। वो वर्क फ्राॅम होम में काम के साथ ट्रेडिंग भी कर रहे थे लेकिन अब ऑफिस खुल जाने के बाद उनके पास यह विकल्प नहीं बचा है। इसलिए वो अपने डीमैट खाते को बंद कर रहे हैं। इसके चलते बाजार निवेशकों की संख्या में गिरावट आई है।