Share Market Next week: भारतीय शेयर बाजार में अगले हफ्ते भारी उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। दरअसल, अगले हफ्ते कई ऐसे घटनाक्रम हैं जो बाजार की चाल को प्रावित करेंगे। अगले हफ्ते जो अहम घटनाक्रम हैं उनमें कंपनियों के तिमाही नतीजों, नीतिगत ब्याज दरों पर रिजर्व बैंक के निर्णय और वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े प्रमुख हैं। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,498.02 अंक यानी 2.67 प्रतिशत के लाभ में रहा था।
कई बड़ी कंपनियों के नतीजे इसी सप्ताह
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक बाजारों का रुझान, रुपये का उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल के दाम भी बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह की शुरुआत वाहन बिक्री के मासिक आंकड़ों के साथ होगी। इसके अलावा बाजार भागीदारों की निगाह पीएमआई आंकड़ों पर भी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी।’’ इसी सप्ताह विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़े आने हैं। मिश्रा ने कहा कि सप्ताह के दौरान आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डाबर, टाइटन और इंटरग्लोब एविएशन जैसी कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आएंगे।
FPI की गतिविधियां भी बाजार की दिशा को तय करेंगी
सैमको सिक्योरिटीज में बाजार परिदृश्य-प्रमुख अपूर्व सेठ ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर इस सप्ताह सबसे बड़ी खबर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक होगी। उन्होंने कहा, ‘‘सभी की निगाह इस पर रहेगी कि क्या एमपीसी पश्चिम के केंद्रीय बैंकों की तरह आक्रामक रुख अपनाती है या अपने हिसाब से रास्ता बनाती है।’’ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की गतिविधियां भी बाजार की दिशा को तय करेंगी। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि इस सप्ताह बाजार भागीदारों की निगाह घरेलू घटनाक्रमों पर रहेगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इसके अलावा वाहन बिक्री के मासिक आंकड़े और कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार की दिशा को तय करेंगे।
मुद्रास्फीति का जोखिम कम होगा
विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक रुख के बीच बीते सप्ताह तेजड़िये बाजार पर हावी थे। कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष और इक्विटी प्रमुख हेमंत कनावाला ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मानसून की प्रगति से वृद्धि के कारक बरकरार हैं। मानसून के आगे बढ़ने और बुवाई में तेजी आने से मुद्रास्फीति का जोखिम कम होगा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू मोर्च पर निवेशकों को एमपीसी की बैठक के नतीजों का इंतजार है।