भारत में शेयर बाजार (Share Market) को लेकर लोगों का आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है। साल 2023 के आखिरी महीने यानी दिसंबर में करीब 41.73 लाख डीमैट खाते (Demat Accounts) खोले गए थे। निफ्टी के 21,000 के पार जाने और आईपीओ मार्केट में अच्छी तेजी के चलते लोगों ने जमकर डीमैट खाते खुलवाए। हर कोई शेयर बाजार की इस तेजी में अपने हाथ धोना चाहता था। शेयर मार्केट में निवेश महंगाई को काफी आसानी से मात देने वाला एसेट क्लास है। भले ही यहां जोखिम अधिक है, लेकिन यहां आप बंपर रिटर्न भी कमा सकते हैं।
13.93 करोड़ पहुंच गई डीमैट खातों की संख्या
दिसंबर महीने में सभी सेक्टर्स में उछाल देखने को मिली थी। साथ ही दिसंबर में 11 आईपीओ लॉन्च हुए थे। इससे बड़ी संख्या में निवेशकों ने शेयर मार्केट में एंट्री ली। दिंसबर तक भारत में डीमैट खातों की कुल संख्या 139.3 मिलियन यानी 13.93 करोड़ पहुंच गई थी। दिसंबर में करीब 40 लाख नए इन्वेस्टर अकाउंट्स सीडीएसएल में खोले गए। वहीं, करीब 5 लाख अकाउंट एनएसडीएल में खोल गए। इससे पहले नवंबर में कुल 28 लाख अकाउंट खोले गए थे। वहीं, अक्टूबर में 26 लाख अकाउंट्स खोले गए थे।
FPI ने किया जमकर निवेश
दिसंबर महीने में अकेले ब्रॉडर मार्केट में 7 फीसदी से अधिक का उछाल दर्ज हुआ है। निफ्टी दिसंबर में 7 फीसदी बढ़ा था। जबकि निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 6.5 फीसदी और 5.19 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी। बीते महीने विदेशों से भी जमकर निवेश आया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने दिसंबर महीने में भारतीय शेयर बाजार में करीब 58,498 करोड़ रुपये निवेश किये।
कोविड के बाद खूब खुले खाते
हालांकि, अभी भी जनसंख्या की तुलना में निवेशकों के प्रतिशत के मामले में भारत काफी पीछे है। इस मामले में अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है। कोविड के बाद से भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है। मार्च 2020 में निफ्टी 7,511 अंक रह गया था। इसके बाद से यह बढ़ते-बढ़ते 21,700 तक पहुंच गया है। एक अप्रैल 2022 के बाद से अब तक भारत में करीब 9.84 करोड़ डीमैट खाते खोले गए हैं।