घरेलू शेयर बाजार मंगलवार को जोरदार गिरावट के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 1,64.12 अंकों की जबरदस्त गिरावट के साथ 80,684.45 के लेवल पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 332.25 अंकों की जोरदार गिरावट के साथ 24,336.00 के लेवल पर बंद हुआ। साथ ही निफ्टी बैंक भी 746.55 अंक लुढ़ककर 52,834.80 के लेवल पर टिका। आज के कारोबार में श्रीराम फाइनेंस, भारती एयरटेल, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, हीरो मोटोकॉर्प और जेएसडब्ल्यू स्टील निफ्टी पर सबसे ज्यादा नुकसान वाले स्टॉक्स रहे, जबकि सिप्ला को फायदा हुआ।
मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में इतनी गिरावट
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो सभी लाल निशान पर बंद हुए, जिनमें ऑटो, बैंक, ऊर्जा, धातु, तेल और गैस में 1-1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 0.5-0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दिनभर के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 1,136 अंक गिरकर 80,612.20 अंक के दिन के निचले स्तर पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 50, 365 अंक गिरकर 24,303.45 अंक के दिन के निचले स्तर पर आ गया था।
क्यों लुढ़का बाजार
जानकारों के मुताबिक, निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के नतीजों से पहले किनारे पर रहने का विकल्प चुना। हालांकि बुधवार को फेड की ओर से एक चौथाई अंकों की ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें हैं, लेकिन 2025 में फेड की ब्याज दर में कटौती के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है।
इसके अलावा, चीन 2025 तक अपने बजट घाटे को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने की योजना बना रहा है। इससे भारत में एफआईआई के फ्लो पर दबाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि बाजार को प्रोत्साहन पैकेज में ग्रोथ की उम्मीद है। साथ ही जानकार यह भी कहते हैं कि नवंबर में भारत के व्यापार घाटे में तेज ग्रोथ होकर 37.8 अरब डॉलर तक पहुंचने से रुपए पर दबाव पड़ेगा। यह डॉलर के मुकाबले 85 तक पहुंच जाएगा।