बीएसई सेंसेक्स ने साल 2007 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दरअसल, शुक्रवार को सेंसेक्स लगातार 11वें दिन चढ़कर बंद हुआ, जो अक्टूबर 2007 के बाद से बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला है। आपको बता दें कि इस 11 दिन के ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स 3000 अंक चढ़ चुका है। सेंसेक्स में तेजी से निवेशकों की बंपर कमाई हुई है। निवेशकों की सपत्ति 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गई है। आपको बता दें कि 1 सितंबर को शेयर बाजार खुला था तो बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 3,09,59,138.70 लाख करोड़ था। वहीं, 1 सितंबर से लेकर 15 सितंबर के बीच 11 ट्रेडिंग डे में यह बढ़कर 3,23,20,377.69 लाख करोड़ हो गया। इस तरह निवेशकों की 12.57 लाख करोड़ की कमाई हुई है।
लगातार बाजार में बनी हुई है मजबूती
सेंसेक्स शुक्रवार को 320 अंक चढ़कर 67,838 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी शुक्रवार को नई ऊंचाई पर पहुंच गया और लगातार तीसरे सत्र में 89.3 अंक ऊपर 20,192 पर बंद हुआ। एनएसई पर वॉल्यूम निचले स्तर पर बना हुआ है। अग्रिम गिरावट अनुपात में व्यापक बाजार सूचकांक निफ्टी से कम बढ़े, लेकिन 1.26:1 के बराबर स्तर से ऊपर रहे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने ये बात कही है।
चीन से मिला सहारा
उम्मीद से बेहतर चीन के आर्थिक आंकड़ों के बाद शुक्रवार को वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी आई, जिससे यह उम्मीद बढ़ गई कि दुनिया के सबसे बड़े केंद्रीय बैंकों द्वारा सख्त अभियान खत्म होने के करीब हैं। जसानी ने कहा, आर्म आईपीओ में उम्मीदें और चीन के आगे के आर्थिक उपायों ने बाजार की भावनाओं को बढ़ावा दिया। शुक्रवार को 93 अंक इंट्रा-डे हाई लो रेंज के साथ निफ्टी की बढ़त जारी रही। नई लाइफ टाइम हाई के बाद, निफ्टी ऊपर की ओर धीरे-धीरे बढ़ा है। साप्ताहिक चार्ट पर, निफ्टी में 1.88 प्रतिशत की बढ़त हुई, जो पिछले सप्ताह की बढ़त के लगभग बराबर है। जसानी ने कहा कि निफ्टी अब निकट अवधि के लिए 19,979-20,340 बैंड में रह सकता है।
मजबूत त्योहारी मांग से तेजी
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि मजबूत त्योहारी मांग और सौदे मिलने की उम्मीद में ऑटो और आईटी शेयरों में नए सिरे से खरीदारी से बाजार नई दिशा की ओर बढ़ रहा है। चीन के उम्मीद से बेहतर आर्थिक आंकड़ों की उम्मीदों ने वैश्विक बाजारों में उम्मीदें बढ़ा दी हैं। नायर ने कहा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने घटती मुद्रास्फीति के कारण दरों में संभावित ठहराव का संकेत दिया है, जबकि निवेशक अब अगले सप्ताह केंद्रीय बैंक की बैठकों पर नजर बनाए हुए हैं, जिसमें यूएस फेड, बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान अपने दरों की घोषणा कर सकते हैं।
इनपुट: आईएएनएस