ज्वैलरी कारोबार करने वाली कंपनी सेंको गोल्ड अपना आईपीओ लेकर आ रही है। कंपनी की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) से 405 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। यह आईपीओ 4 जुलाई को 301-317 रुपये प्रति शेयर के मूल्य बैंड पर खुलेगा। सेंको गोल्ड के आईपीओ में 270 करोड़ रुपये के नए शेयरों जारी किए जाएंगे और 135 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ओएफएस के जरिये की जाएगी। कंपनी मुख्य रूप से सोने और हीरे के आभूषणों के साथ-साथ चांदी, प्लैटिनम, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों और अन्य धातुओं से बने आभूषण बेचती है। कंपनी अपने उत्पादों को अपने ब्रांड नाम "सेंको गोल्ड एंड डायमंड्स" के तहत बेचती है। यह कंपनी पूर्वी भारत में सबसे बड़ा संगठित आभूषण खुदरा विक्रेता है। कंपनी भारत के 13 राज्यों के 96 शहरों और कस्बों में 136 शोरूम चलाती है।
कानूनी और विनियामक कार्यवाही
सेंको गोल्ड और इसके निदेशक और प्रमोटर कुछ कानूनी और नियामक कार्यवाही में शामिल हैं। ये कार्यवाही विभिन्न अदालतों, न्यायाधिकरणों, अर्ध-न्यायिक प्राधिकरणों और अपीलीय न्यायाधिकरणों के समक्ष निर्णय के विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं।
डीबियर्स के साथ समझौता
कंपनी ने 2015 में डीबियर्स के साथ एक समझौता किया था, जिसे वार्षिक आधार पर हीरे की आपूर्ति और उसके कुछ शोरूमों के माध्यम से बेचे जाने वाले आभूषणों में जड़े 'फॉरएवरमार्क' हीरों की बिक्री के लिए नवीनीकृत किया गया था।
सोने पर भारी निर्भरता
कंपनी का राजस्व सोने के आभूषणों की बिक्री पर काफी हद तक निर्भर है, जो वित्त वर्ष 2023, 2022 और 2021 के लिए परिचालन से उसके कुल राजस्व का क्रमशः 89.69%, 91.53% और 91.90% था।
कीमत में उतार-चढ़ाव
सोने और हीरे की कीमत में अस्थिरता का कंपनी की इन्वेंट्री के मूल्य पर असर पड़ता है और इसकी आय, लाभ और संचालन पर असर पड़ सकता है। हालांकि सोने की कीमत में वृद्धि के परिणामस्वरूप बिक्री के लिए रखी गई इन्वेंट्री से आय में वृद्धि हो सकती है।
विनियामक जोखिम
कंपनी मुख्य रूप से सर्राफा बैंकों से ऋण के आधार पर सोना प्राप्त करती है जो आरबीआई के नियमों के अधीन रहता है। इस प्रकार, ऋण के आधार पर सोने को नियंत्रित करने वाले नियमों में किसी भी प्रतिकूल बदलाव का जोखिम है।
सेंको गोल्ड आईपीओ के बारे में
आईआईएफएल सिक्योरिटीज, एंबिट कैपिटल और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स इश्यू के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजर हैं, जबकि केफिन टेक्नोलॉजीज आईपीओ रजिस्ट्रार हैं। कंपनी ने आईपीओ में 50% इक्विटी शेयर योग्य संस्थागत बोलीदाताओं (क्यूआईबी) के लिए, जबकि 15% गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) के लिए आरक्षित रखा है। शेष 35% इक्विटी शेयर खुदरा निवेशकों को आवंटित किए जाएंगे। सेंको गोल्ड ने वित्त वर्ष 2023 में 4,077.40 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जबकि एक साल पहले यह 3,534.64 करोड़ था। वर्ष के लिए इसका शुद्ध लाभ पिछले वर्ष के 129.10 करोड़ की तुलना में 158.48 करोड़ रहा। कंपनी ने पिछले तीन वर्षों में लगातार राजस्व वृद्धि, लाभप्रदता और इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) दिया है। कंपनी की टॉपलाइन और बॉटमलाइन क्रमशः 19% और 20% की 3 साल की सीएजीआर से बढ़ी है।