एसके फाइनेंस को पूंजी बाजार नियामक सेबी से झटका लगा है। बाजार नियामक ने एसके फाइनेंस के प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को रोक दिया है। एसके फाइनेंस, वाहन वित्त और व्यवसाय ऋण पर आधारित एक गैर बैंकिंग वित्त कंपनी है। भाषा की खबर के मुताबिक, बाजार नियामक सेबी की वेबसाइट पर सोमवार को दी जानकारी में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि एसके फाइनेंस के आईपीओ के संबंध में ‘निष्कर्ष जारी करने पर रोक लगाई गई है। हालांकि, ऐसा करने की वजह इसमें नहीं बताई गई है।
कंपनी ने शुरुआती कागजात दाखिल किए थे
सेबी की भाषा में ‘निष्कर्ष’ जारी होने का मतलब आईपीओ के लिए हरी झंडी मिलना होता है। जयपुर स्थित ऋणदाता ने इस साल मई में पूंजी बाजार नियामक के समक्ष आईपीओ के लिए अपने शुरुआती कागजात दाखिल किए थे। प्रस्ताव के मसौदे के मुताबिक, एसके फाइनेंस की आईपीओ के तहत 500 करोड़ रुपये के नये शेयर जारी करने की योजना थी। इसके अलावा प्रमोटर और मौजूदा शेयरधारक 1,700 करोड़ रुपये तक की बिक्री पेशकश (ओएफएस) कर रहे थे।
शेयर की बिक्री
बिक्री पेशकश के हिस्से के रूप में, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स एक्स-मॉरीशस और टीपीजी ग्रोथ IV एसएफ पीटीई लिमिटेड 700-700 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचेंगे, जबकि इवॉल्वेंस कॉइनवेस्ट I 75 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगा। जबकि इवॉल्वेंस इंडिया फंड III लिमिटेड 25 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचेगा। इसके अलावा, ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के मुताबिक, प्रमोटर - राजेंद्र कुमार सेतिया और राजेंद्र कुमार सेतिया एचयूएफ - क्रमशः 180 करोड़ रुपये और 20 करोड़ रुपये के शेयर बेचेंगे।
खबर के मुताबिक, एसके फाइनेंस ने आईपीओ से हासिल राशि का उपयोग पूंजी आधार बढ़ाने, कंपनी की भविष्य की व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने, आगे उधार देने और सामान्य कॉर्पोरेट मकसद के लिए करने की योजना बनाई है। सेबी के इस एक्शन के बाद कंपनी को अब और थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।