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SEBI ने इस स्टॉक ब्रोकिंग की दो संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन ही कर दिया कैंसिल, जानें क्या था मामला

सेबी ने पाया कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग कार्वी कैपिटल में अपनी हिस्सेदारी बेचने में विफल रही है और उसके मुताबिक, नोटिस प्राप्तकर्ता अब एआईएफ विनियमनों और मध्यस्थ नियमों के संदर्भ में 'उपयुक्त और उचित व्यक्ति' मानदंड को पूरा नहीं करते हैं।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Mar 26, 2025 6:56 IST, Updated : Mar 26, 2025 6:57 IST
31 मार्च, 2023 तक केएसबीएल के पास कार्वी कैपिटल में लगभग 100 प्रतिशत शेयरधारिता थी।
Photo:FILE 31 मार्च, 2023 तक केएसबीएल के पास कार्वी कैपिटल में लगभग 100 प्रतिशत शेयरधारिता थी।

मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बीते मंगलवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग की दो यूनिट- कार्वी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और केसीएपी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। सेबी का कहना है कि दोनों यूनिट बाजार कानूनों के मुताबिक 'उपयुक्त और उचित व्यक्ति' के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहे। पीटीआई की खबर के मुताबिक, कार्वी कैपिटल लिमिटेड (केसीएल) कार्वी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और केसीएपी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) का प्रायोजक और प्रबंधक है। यह कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।

प्रतिभूति बाजार से सात साल के लिए प्रतिबंधित किया

खबर के मुताबिक, मार्केट रेगुलेटर ने अपने आदेश में कहा कि मध्यस्थ विनियमनों के मद्देनजर, कार्वी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और केसीएपी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड को दिए गए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को कैंसिल किया जाता है। अप्रैल 2023 में, सेबी ने केएसबीएल और उसकी सहयोगी फर्म को प्रतिभूति बाजार से सात साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया और बाद में उसी साल मई में उसका ब्रोकरेज लाइसेंस कैंसिल कर दिया। सेबी के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 तक केएसबीएल के पास कार्वी कैपिटल में लगभग 100 प्रतिशत शेयरधारिता थी।

सेबी ने नोट किया कि विनिवेश नहीं हुआ

अप्रैल और मई 2023 में सेबी के आदेशों के जरिये केएसबीएल के खिलाफ पारित निर्देशों के मुताबिक, कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के पास केसीएल में 20 प्रतिशत से अधिक मतदान अधिकार थे। इसके अलावा, केएसबीएल को सेबी के मानदंडों के तहत अपनी अयोग्यता के छह महीने के भीतर अपनी हिस्सेदारी बेचनी थी। हालांकि, सेबी ने नोट किया कि विनिवेश नहीं हुआ, जिसके चलते एआईएफ के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई की गई। सेबी के मध्यस्थ मानदंडों के तहत, 'उपयुक्त और उचित व्यक्ति' मानदंड प्रमोटरों, नियंत्रित हित वाले लोगों या आवेदक या मध्यस्थ पर नियंत्रण रखने वालों पर लागू होते हैं।

छह महीने के भीतर अपनी हिस्सेदारी बेचनी चाहिए

के मुताबिक, गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं के लिए, 20 प्रतिशत या उससे अधिक मतदान अधिकार रखने वाले किसी भी व्यक्ति को भी मानदंडों को पूरा करना होगा। अगर वे असफल होते हैं, तो उन्हें मतदान अधिकारों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और छह महीने के भीतर अपनी हिस्सेदारी बेचनी चाहिए। गैर-अनुपालन के चलते मध्यस्थ के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। नोटिस प्राप्तकर्ता (कार्वी कैपिटल अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और केसीएपी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड) को निरंतर आधार पर 'उपयुक्त और उचित व्यक्ति' मानदंड बनाए रखने के लिए बाध्य किया गया था।

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