Tuesday, December 10, 2024
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SEBI ने इस कंपनी के एमडी सहित तीन अन्य पर लगा दिया बैन, अगले आदेश तक नहीं कर सकेंगे ट्रेडिंग

सेबी ने एमएफएल, उसके प्रमुख अधिकारियों और अन्य सहित 24 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया कि उनके खिलाफ जांच क्यों न की जाए और उन्हें 21 दिनों के भीतर अपना जवाब/आपत्ति दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 05, 2024 22:25 IST, Updated : Dec 05, 2024 22:25 IST
एमएफएल के एकमात्र प्रमोटर हितेशकुमार ने जुलाई-अगस्त की अवधि के दौरान एमएफएल के शेयर बेचे।- India TV Paisa
Photo:FILE एमएफएल के एकमात्र प्रमोटर हितेशकुमार ने जुलाई-अगस्त की अवधि के दौरान एमएफएल के शेयर बेचे।

बाजार रेगुलेटर सेबी ने मिष्टान फूड्स और इसके प्रमोटर और सीएमडी हितेशकुमार गौरीशंकर पटेल सहित पांच संस्थाओं को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया है। यह प्रतिबंध कथित वित्तीय कुप्रबंधन, धोखाधड़ी वाले लेन-देन और कॉर्पोरेट प्रशासन की खामियों के लिए लगाया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, मिष्टान फूड्स लिमिटेड (एमएफएल) को जनता से धन जुटाने से भी रोक दिया और साथ ही हितेशकुमार, नवीनचंद्र पटेल (सीएफओ), रविकुमार पटेल (पूर्व सीएफओ) और जतिनभाई पटेल (पूर्व पूर्णकालिक निदेशक) सहित 12 संस्थाओं को अगले आदेश तक बैन कर दिया है।

सेबी को मिली ये खामी

खबर के मुताबिक, सेबी ने पाया कि एमएफएल के पास अपनी बुक में नगण्य अचल संपत्तियां हैं और इसकी परिचालन गतिविधि से नकारात्मक कैश फ्लो है और जांच अवधि के दौरान इसकी बड़ी बिक्री के आंकड़ों की तुलना में बहुत कम इन्वेंट्री है। सेबी ने पाया कि एमएफएल के सार्वजनिक शेयरधारकों की संख्या वित्त वर्ष 2018 के आखिर में मात्र 516 से सितंबर 2024 तिमाही के आखिर तक 4.23 लाख तक बढ़ गई है। एमएफएल के एकमात्र प्रमोटर हितेशकुमार ने जुलाई-अगस्त की अवधि के दौरान एमएफएल के शेयर बेचे, जिससे उन्हें लगभग 50 करोड़ रुपये मिले और मार्च 2024 तिमाही से प्रमोटर की हिस्सेदारी घट रही है।

ड्राफ्ट लेटर ऑफ ऑफर बाद में वापस ले लिया था

मिष्टान फूड्स ने मई 2023 में लगभग 150 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट लेटर ऑफ ऑफर दाखिल किया था, हालांकि, बाद में इसे वापस ले लिया गया। बाद में, कंपनी ने अप्रैल 2024 में 49.9 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू पेश किया और इश्यू की आय को अपने समूह संस्थाओं के भागीदारों/निदेशकों को हस्तांतरित करके गबन किया गया। इस साल अगस्त में, एमएफएल ने 50 करोड़ रुपये से कम की राशि के दूसरे राइट्स इश्यू के लिए स्टॉक एक्सचेंज के साथ एक नया ड्राफ्ट लेटर ऑफ ऑफर दाखिल किया।

राइट्स इश्यू आवेदन को मंजूरी नहीं देने का भी निर्देश

नियामक ने बीएसई को अगले आदेश तक एमएफएल द्वारा दायर किसी भी राइट्स इश्यू आवेदन को मंजूरी नहीं देने का भी निर्देश दिया। साथ ही सेबी ने एमएफएल, उसके प्रमुख अधिकारियों और अन्य सहित 24 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया कि उनके खिलाफ जांच क्यों न की जाए और उन्हें 21 दिनों के भीतर अपना जवाब/आपत्ति दाखिल करने का भी निर्देश दिया। मिष्टान फूड्स द्वारा जीएसटी धोखाधड़ी और अन्य वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के बाद अप्रैल 2017 से मार्च 2024 की अवधि को कवर करने वाली विस्तृत जांच से अंतरिम आदेश आया।

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