शेयरों में निवेश की सलाह आपको भी व्हाट्सएप, फोन या ईमेल पर मिलती होगी। कई बार ये सलाह जानबूझ कर निवेशकों को भटकाने या किसी कंपनी को गलत फायदा उठाने में मदद करने के लिए दी जाती हैं। इसे देखते हुए सेबी काफी सजग है और सख्त कार्रवाई करता रहता है। इसी बीच गुरुवार को सेबी ने एक सख्त कार्रवाई करते हुए एक बड़ी कंपनी पर तीन साल के लिए बैन लगा दिया है।
खबर है कि सेबी ने बिना मंजूरी के निवेश सलाहकार सेवाएं देने को लेकर कैपिटल वर्थ रिसर्च हाउस और उसके भागीदारों को तीन साल की अवधि के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा, उन्हें तीन महीने के भीतर ग्राहकों को 1.54 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने का निर्देश दिया गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनमय बोर्ड ने एक आदेश में कहा कि निवेशकों को रिफंड पूरा होने की तारीख से तीन साल की समाप्ति तक कैपिटल वर्थ और उसके साझेदारों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
कैपिटल वर्थ एक साझेदार फर्म है और इसके साझेदार अंकित श्रीवास्तव, मोहम्मद आमिर शेख, शाहिद रंगरेज और समीर मेमन हैं। सेबी ने पाया कि कैपिटल वर्थ पंजीकरण के वैध प्रमाण पत्र के बिना गतिविधियों में शामिल होकर तथा खुद को एक 'निवेश सलाहकार' के रूप में काम किया और निवेश सलाहकार (आईए) के नियमों का उल्लंघन किया। आदेश के अनुसार 2018 में मार्च-दिसंबर के दौरान कैपिटल वर्थ के खाते में 1.54 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए।