पूंजी बाजार नियामक यानी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को निवेशकों को सावधान किया है। सेबी ने निवेशकों को अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म और वेबसाइट पर नॉन-लिस्टेड कंपनियों की सिक्योरिटीज में लेनदेन करने को लेकर अलर्ट किया है। बाजार नियामक ने कहा कि ऐसी गतिविधियां प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 और सेबी अधिनियम, 1992 का उल्लंघन करती हैं, दोनों का मकसद सिक्योरिटी मार्केट में निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
कोई भी संवेदनशील पर्सनल डिटेल शेयर न करें
खबर के मुताबिक, सेबी ने अपने बयान में कहा कि कुछ इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म बिना उचित मंजूरी के नॉन लिस्टेड प्रतिभूतियों के व्यापार की सुविधा दे रहे हैं। निवेशकों को चेतावनी देते हुए, सेबी ने निवेशकों से कहा कि ऐसे इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर कोई भी लेनदेन न करें या उसपर कोई भी संवेदनशील पर्सनल डिटेल शेयर न करें क्योंकि ये न तो अथॉरोइज्ड हैं और न ही सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
एक्सचेंजों की सूची आधिकारिक वेबसाइट पर
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों की सूची नियामक की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, नियामक ने निवेशकों को अनऑथोराइज्ड प्लेटफॉर्म पर संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने और उनके जरिये लेनदेन करने के खिलाफ चेतावनी दी।
नया निवेशक चार्टर जारी
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में निवेशक सुरक्षा, बाजार पारदर्शिता और निवेशकों के बीच भरोसा और विश्वास बढ़ाने के मकसद से एक नया निवेशक चार्टर जारी किया। सुधार किए गए चार्टर में निवेशक की जानकारी की गोपनीयता सुनिश्चित करने और प्रतिभूति बाजार से संबंधित प्रोडक्ट्स या सेवाओं से उचित शर्तों पर बाहर निकलने का अधिकार प्रदान करने पर जोर दिया गया है। संशोधित चार्टर का मकसद निवेशकों को बाजार निवेश से जुड़े जोखिमों को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाना है, साथ ही समय पर और कुशल तरीके से उनके साथ उचित व्यवहार सुनिश्चित करना है।
सुधार किए गए चार्टर में निवेशकों के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का भी डिटेल दिया गया है, जैसे कि लेन-देन के रिकॉर्ड को बनाए रखना, निवेश से जुड़े जोखिमों और शुल्कों को जानना और शिकायत निवारण तंत्र से खुद को परिचित करना आदि।