रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), वोडाफोन आइडिया, प्रेस्टीज एस्टेट्स और ऑयल इंडिया सहित अन्य कंपनियों के लिए अच्छी खबर है। इन कंपनियों के शेयर उन स्टॉक्स में शामिल है, जिनको अगल महीने एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में जोड़ा जा सकता है। ऐसा होने से इन कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट के में कहा गया है कि व्यापक रूप से ट्रैक किए जाने वाले एमएससीआई सूचकांकों से शेयरों को जोड़ने और हटाने का कैलकुलेशन करने की कटऑफ तारीख गुरुवार या शुक्रवार हो सकती है।
इन कंपनियों के शामिल होने की संभावना
खबर के मुताबिक, ग्लोबल इंडेक्स प्रदाता 13 अगस्त को बदलावों की घोषणा करेगा और फंडों को 30 अगस्त तक अपनी स्थिति एडजस्ट करनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिक्सन टेक्नोलॉजीज और कोचीन शिपयार्ड अन्य शेयर हैं जिन्हें सूचकांक में जोड़ा जा सकता है। वोडाफोन आइडिया को शामिल किए जाने के बाद 1.2 बिलियन डॉलर का निवेश मिल सकता है। यूनो मिंडा, ज़्यूडस लाइफ और ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज के शामिल होने की भी अच्छी संभावना है।
ऐसा होने से कंपनियों को मिलेगा फायदा
एमएससीआई ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल होने से एचडीएफसी बैंक, इंडस टावर्स और एमफैसिस का सूचकांक में भार बढ़ जाएगा। इनमें सबसे बड़ा असर एचडीएफसी बैंक पर पड़ेगा, जिसका भार जून तिमाही में विदेशी निवेशकों के लिए निवेश की गुंजाइश बढ़ने के बाद दोगुना हो सकता है। उधर, नुवामा ने एचडीएफसी बैंक में 3 बिलियन डॉलर के निवेश की भविष्यवाणी की है, जबकि इंडस टॉवर और एमफैसिस में क्रमशः 135 मिलियन डॉलर और 46 मिलियन डॉलर के निवेश की संभावना है।
इस बीच, आधा दर्जन अन्य शेयर भी एमएससीआई इंडेक्स में शामिल होने की होड़ में हैं। इनमें आईआरईडीए, ओबेरॉय रियल्टी, शेफ़लर इंडिया और एल्केम लैबोरेटरीज शामिल हैं। हालांकि, इंडेक्स में शामिल होने के लिए इन शेयरों को 12 जून के बंद भाव से 10-25 प्रतिशत के बीच ऊपर जाना होगा।
क्या है MSCI Index
एमएससीआई इंडिया इंडेक्स मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल (एमएससीआई) द्वारा बनाया गया भारतीय शेयरों का एक संयोजन है। एमएससीआई इंडिया इंडेक्स भारतीय बाजार के बड़े और मध्यम कैप सेगमेंट के प्रदर्शन को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 146 कम्पोनेंट के साथ, यह इंडेक्स भारतीय इक्विटी यूनीवर्स के लगभग 85% को कवर करता है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों की कई प्रतिष्ठित भारतीय कंपनियाँ शामिल हैं, जो भारतीय कंपनियों द्वारा पेश की गई कुल इक्विटी का कम से कम 85% प्रतिनिधित्व करती हैं।