Highlights
- सेंसेक्स-निफ्टी में मार्च 2020 के बाद दूसरी सबसे बड़ी गिरावट
- सेंसेक्स 2702 टूटकर 54,529 अंक पर बंद हुआ
- आगे भी बाजार में गिरावट आने की आशंका विशेषज्ञ जता रहे हैं
नई दिल्ली। रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला करने से गुरुवार को दुनिया समेत भारतीय बाजार में सुनामी आ गया। बीएसई सेंसेक्स 2702 टूटकर 54,529 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी भी 815 अंक लुढ़कर 16,247 अंक पर बंद हुआ। बाजार में बड़ी गिरावट आने से निवेशकों को एक दिन में 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल, बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 23 फरवरी को 2,55,68,848 करोड़ से घटकर 24 फरवरी को 2,42,11,226 करोड़ रुपये पर बंद हुआ। इस तरह निवेशकों को एक कारोबारी दिन में 1,357,622 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। बाजार में गिरावट आने से सेंसेक्स और निफ्टी के सभी शेयर बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए हैं।
मार्च 2020 के बाद दूसरी सबसे बड़ी गिरावट
सेंसेक्स-निफ्टी में मार्च 2020 के बाद दूसरी सबसे बड़ी गिरावट गुरुवार को आई। 12 मार्च 2020, सेंसेक्स 2919.26 अंक (-8.18%) गिरा था। वहीं, निफ्टी 868.2 अंक (-8.30%) लुढ़का था। इसके बाद यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। आगे भी बाजार में गिरावट आने की आशंका विशेषज्ञ जता रहे हैं। आज बैंकिंग, आईटी, मेटल से लेकर वाहन कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली।
शेयर बाजार में आगे क्या?
शेयर मार्केट एक्सपर्ट अखिलेश कुमार ने इंडिया टीवी को बताया कि निफ्टी ने अपना सपोर्ट तोड़ दिया है। ऐसे में अगला सपोर्ट 15800 का बनता है। अगर वह भी टूट जाता है तो अगला सपोर्ट 14980 का होगा। यह सब कुछ आगे रूस और यूक्रेन की स्थिति पर निर्भर करेगा। ऐसे में निवेशकों को अभी बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। जल्दबाजी में निवेश करना या बेचना नुकसान दे सकता है।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर काफी नुकसान में रहे
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर काफी नुकसान में रहे। इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस आठ प्रतिशत तक नीचे आ गये। रूसी सैनिकों ने बृहस्पतिवार को यूक्रेन पर हमला किया। इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी दी कि कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ‘ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।’ यूक्रेन संकट बढ़ने के बीच वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में गिरावट रही और कच्चे तेल की कीमत पांच डॉलर प्रति बैरल बढ़ गयी। घरेलू शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बिकवाल बने हुए हैं और उन्होंने बुधवार को 3,417.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।