RBI पॉलिसी से पहले शुक्रवार को 8वें दिन शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है। बीएसई सेंसेक्स करीब 50 अंक लुढ़करकर कारोबार कर रहा है। एनएसई निफ्टी में भी गिरावट देखने को मिल रही है। बाजार पॉलिसी से पहले वेट एंड वाच के मोड में है। आज रिजर्व बैंक की मौद्रिक पॉलिसी में रेपो रेट में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने ही संभावना है। महंगाई पर काबू पाने के लिए आज आरबीआई एक बार फिर ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है। इससे पहले अमेरिकी फेड समेत दुनियाभर के बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
कल भी टूटा था सेंसेक्स
घरेलू शेयर बाजार बृहस्पतिवार को शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया था और लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही थी। निवेशकों ने भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले देखो और इंतजार करो का रुख अपनाया है। कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से दबाव बढ़ा है। हालांकि, रुपये के मूल्य में कुछ सुधार से थोड़ी राहत मिली है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 188.32 अंक यानी 0.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,409.96 अंक पर बंद हुआ था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 40.50 अंक यानी 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,818.10 अंक पर बंद हुआ था।
रिजर्व बैंक के फैसले का इंतजार
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख तथा रुपये के मूल्य में गिरावट से घरेलू बाजार में शुरुआती तेजी थोड़ी देर के लिये ही रही। चूंकि भारत और अमेरिका के बीच बॉन्ड प्रतिफल में अंतर कई साल के निचले स्तर 3.48 प्रतिशत पर आ गया, अत: विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के विभिन्न देशों में केंद्रीय बैंक आक्रामक रूप से ब्याज दर बढ़ा रहे हैं। ऐसे में बाजार आरबीआई के नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। निवेशक उत्सुकता से बैंकों में नकदी बढ़ाने, मुद्रा में गिरावट को रोकने के लिये रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप तथा मौद्रिक रुख तथा जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) परिदृश्य पर बयान का इंतजार कर रहे हैं।’’ कोटक सिक्योरिटीज लि.के इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान के अंतिम दिन बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहा। कारोबारियों ने मौद्रिक नीति की शुक्रवार को होने वाली घोषणा से पहले ब्याज दर से संबंधित कुछ शेयरों में बिकवाली की। उन्होंने कहा, ‘‘बाजार में पहले से शेयरों के दाम नीचे आ चुके हैं और अगर नीतिगत दर में वृद्धि अपेक्षा से अधिक होती है, तो कारोबार के दौरान उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है और गिरावट का रुख कुछ समय तक बना रह सकता है।’’