शेयर बाजार निवेशकों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लकी साबित हुए है। ऐसा इसलिए कि प्रधानमंत्री मोदी के 9 साल के कार्यकाल के दौरान शेयर बाजार में निवेशक करने वाले निवेशकों को करीब 20 लाख करोड़ की कमाई हो गई है। आप पूछ सकते हैं कि यह कमाई कैसे हुई है तो बता दूं कि 26 मई 2014 को जब मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने तो सेंसेक्स 24,716.88 के स्तर पर और निफ्टी 50 7,359.05 के स्तर पर था। सेंसेक्स अब 62,500 के पार, जबकि निफ्टी की नजर 19,000 के स्तर पर है। इसके चलते बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों को बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बड़ा उछाल आया है। इससे निवेशकों की जरबदस्त कमाई हुई हे। आपको बता दें कि बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 26 मई 2014 को 85,20,816.63 करोड़ रुपये था। वहीं 26 मई, 2023 को बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 2,82,67,351.88 करोड़ रुपये पहुंच गया। इस तरह 1,97,46,535.25 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
गुड गवर्नेंस से निवेशकों का भरोसा बढ़ा
शेयर बाजार एक्सपर्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के गुड गवर्नेंस ने भारतीय बाजार को नई ऊंचाई तक ले जाने में मदद किया है। भारतीय बाजार में स्थिरता और भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज चाल ने विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। इसके चलते 2014 और 2023 के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुद्ध रूप से 49.21 अरब डॉलर मूल्य की भारतीय इक्विटी में निवेश कर डाले। 9 साल में सिर्फ 2 साल में ही FII नेट सेलर रहे हैं। इसके चलते बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच पाया है। इससे निवेशकों की बंपर कमाई हुई है।
2020 से निफ्टी50 2.5 गुना बढ़ गया
मार्च 2020 से, जब कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था तो बाजार में बड़ी गिरावट आई थी। हालांकि, उसके बाद बाजार ने तेज दौड़ लगाई। आज निफ्टी 2.5 गुना बढ़ गया है। सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो निफ्टी आईटी इंडेक्स 219 फीसदी चढ़ा है, जबकि निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स उस अवधि में 213 फीसदी चढ़ गया है। मोदी सरकार के नौ साल के शासन में निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 196 फीसदी, निफ्टी बैंक इंडेक्स 188 फीसदी और निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 180 फीसदी उछला है।