Paytm के स्टॉक में आज फिर 5% का अपर सर्किट लग गया है। यानी मार्केट में इस स्टॉक को कोई बेचने वाला नहीं है। स्टॉक में सिर्फ खरीदारी हो रही है। बीते कुछ दिनों से पेटीएम के स्टॉक में एकतरफा तेजी दर्ज की गई है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द करने के आरबीआई के फैसले के बाद पेटीएम की जबरदस्त पिटाई हुई थी। स्टॉक का भाव टूटकर 325 रुपये पर पहुंच गया था। हालांकि, अब एक बार फिर से तेजी दर्ज की जा रही है। आज के शुरुआती कारोबार में पेटीएम का स्टॉक 20.35 रुपये (4.99%) उछलकर 428.10 पर पहुंच गया है।
आखिर क्या वजह है कि पेटीएम के शेयर में आज फिर जबरदस्त तेजी लौटी है। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लिए थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता बनने के लिए Paytm के अनुरोध की जांच करने की सलाह दी गई है। यह खबर आने के बाद से Paytm के स्टॉक में 5% का अपर सर्किट लग गया है।
मंजूरी मिलने पर पेटीएम को होगा यह फायदा
आरबीआई ने एनपीसीआई को नियमों के अनुसार, पेटीएम ऐप के निरंतर यूपीआई संचालन के लिए यूपीआई चैनल के लिए थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) बनने के लिए वन97 कम्युनिकेशन (ओसीएल) के अनुरोध की जांच करने की सलाह दी है। अगर मंजूरी मिल जाती है, तो यह पेटीएम को यूपीआई के माध्यम से भुगतान जारी रखने की अनुमति देगा, लेकिन ऐप को समर्थन देने के लिए नए बैंकों के एक ग्रुप की आवश्यकता होगी। आरबीआई ने शुक्रवार को कहा कि एनपीसीआई को बड़ी मात्रा में यूपीआई भुगतान संसाधित करने की क्षमता वाले चार से पांच बैंकों को पेटीएम के सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करने की सुविधा देनी चाहिए। वन 97 कम्युनिकेशन, जो पेटीएम ब्रांड का मालिक है, की पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49% हिस्सेदारी है।
पेटीएम मुद्दे की हो सकती है समीक्षा
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) का वित्तीय सूचना समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) निकट भविष्य में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श कर सकता है। आईसीएआई के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक, हमने इस पर (पेटीएम मुद्दा) विचार नहीं किया है, लेकिन निकट भविष्य में एफआरआरबी की बोर्ड बैठक होगी और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। अग्रवाल ने कहा कि आईसीएआई की एफआरआरबी समेत नवनिर्वाचित समितियों की मार्च से बैठकें शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एफआरआरबी यह फैसला कर सकता है कि भुगतान बैंक के बहीखातों की जांच जरूरी है या नहीं।