एक साल पहले तक न्यू एज टेक्नोलॉजी कंपनियों की बाजार में धूम थी। मार्केट एक्सपर्ट से लेकर बड़े-बड़े दिग्गज ब्रोकरेज हाउस Paytm-Nykaa जोमैटो, नायका, डेल्हीवरी और पॉलिसीबाजार जैसी कंपनियों के शेयर में पैसा लगाने की सलाह दे रहे थे। हालांकि, किसी ने यह नहीं कहा कि इन कंपनियों का भविष्य क्या हैं? ये कंपनियां करोड़ों के नुकसान में खड़ी ये कंपनियां फायदे में कैसे आएंगी। अब एक साल बाद ये कंपनियां अपने निवेशकों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसाना करा चुकी हैं। सिर्फ पेटीएम में निवेश करने वाले निवेशकों को ही 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा शेयर
पेटीएम के शेयर बुधवार को 472 रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गया है। वहीं, पिछले 16 महीनों में, पांच न्यू ऐज टेक्नोलॉजी कंपनियां पेटीएम, जोमैटो, नायका, डेल्हीवरी और पॉलिसीबाजार में पैसा लगाने वाले निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
बड़े एंकर निवेश तेजी से निकाल रहे पैसा
पेटीएम, नायका समेत कई न्यू एज टेक्नोलॉजी कंपनियों से निवेशक बाहार निकल रहे हैं। पेटीएम से सॉफ्टबैंक तो नायका से वीसी फर्म लाइटहाउस इंडिया फंड 3 ने बल्क डील में 525.39 करोड़ रुपये के 3 करोड़ शेयर बेचे हैं, क्योंकि प्री-आईपीओ निवेशकों के लिए लॉक-इन अवधि समाप्त हो गई है। जोमैटो कंपनी के संस्थापक मोहित गुप्ता के ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर से इस्तीफा दे दिया है।
जोमैटो से निवेशक उबर बाहर निकली
जोमैटो में शुरूआती निवेशक उबर टेक्नोलॉजिक इस साल अगस्त में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लैटफॉर्म से बाहर निकल गई। बुधवार को जोमैटो का शेयर 62.15 रुपए पर कारोबार कर रहा है। नायका के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड 10 नवंबर को खत्म हो गया और स्टॉक उसी दिन गिर गया। बुधवार को इसका शेयर 171.15 रुपए पर कारोबार कर रहा था। एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (नायका) के मुख्य वित्तीय अधिकारी अरविंद अग्रवाल ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। नायका ने एक बयान में कहा, एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी अरविंद अग्रवाल 25 नवंबर, 2022 को कंपनी छोड़ देंगे।
दिल्लीवरी से भी निवेशक बाहर निकले
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्लीवरी का लॉक-इन पीरियड सोमवार को खत्म हो गया और सीए स्विफ्ट इन्वेस्टमेंट्स ने ऑनलाइन लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म में अपनी आधी हिस्सेदारी 330.02 रुपये प्रति शेयर की औसत कीमत पर बेच दी। पिछले हफ्ते, जापानी वीसी प्रमुख सॉफ्टबैंक ने ब्लॉक डील के जरिए पेटीएम के 29 मिलियन शेयर बेचे। मैक्वेरी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम को जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (जेएफएस) के प्रवेश के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जिससे इसके स्टॉक में 11 फीसदी की और गिरावट आएगी। पेटीएम का मार्केट कैप पिछले साल के 11.62 अरब डॉलर के उच्च स्तर से घटकर करीब 3.79 अरब डॉलर रह गया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि नए जमाने की इन इंटरनेट कंपनियों का मूल्यांकन मजबूत फंडामेंटल से समर्थित नहीं था, जबकि उनकी नकदी की खर्च बहुत अधिक थी।