Friday, November 22, 2024
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Market cap: कंपनियों के मार्केट कैप तय होने के बदल गए नियम, जानें अब कैसे होगा तय

सेबी ने 17 मई को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि यह संशोधन 31 दिसंबर, 2024 से लागू होगा। एक उचित अवधि में बाजार पूंजीकरण के आंकड़ों का औसत उस सूचीबद्ध इकाई के बाजार आकार को अधिक सटीक ढंग से दर्शाएगा।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: May 21, 2024 16:17 IST
किसी सूचीबद्ध इकाई के बाजार पूंजीकरण में डेली बेसिस पर उतार-चढ़ाव होता रहता है।- India TV Paisa
Photo:FILE किसी सूचीबद्ध इकाई के बाजार पूंजीकरण में डेली बेसिस पर उतार-चढ़ाव होता रहता है।

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा आवश्यकता (एलओडीआर) नियमों के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) के कैलकुलेशन के तरीके बदल दिए हैं। एक दिन (वर्तमान में 31 मार्च) के बाजार पूंजीकरण का इस्तेमाल करने के बजाय लिस्टेड कंपनियां अब छह महीने की अवधि के लिए ‘औसत बाजार पूंजीकरण’ का इस्तेमाल करेंगी। भाषा की खबर के मुताबिक, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि किसी सूचीबद्ध इकाई के बाजार पूंजीकरण में बाजार की गतिशीलता के आधार पर डेली बेसिस पर उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसलिए एक उचित अवधि में बाजार पूंजीकरण के आंकड़ों का औसत उस सूचीबद्ध इकाई के बाजार आकार को अधिक सटीक ढंग से दर्शाएगा।

17 मई को एक नोटिफिकेशन हुआ जारी

खबर के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव किए गए हैं। इस समिति का गठन कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। सेबी ने 17 मई को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि यह संशोधन 31 दिसंबर, 2024 से लागू होगा। अनुपालन की रैंकिंग 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक औसत बाजार पूंजीकरण पर आधारित होगी, जिसमें 31 दिसंबर कट-ऑफ तारीख होगी। इस तारीख को बाजार पूंजीकरण का निर्धारण करने के बाद प्रासंगिक प्रावधान लागू होने से पहले तीन महीने की संक्रमण अवधि होगी।

तब नए प्रावधान सूचीबद्ध इकाई के लिए लागू नहीं होंगे

एलओडीआर मानदंडों में संशोधन करते हुए सेबी ने कहा कि हर मान्यता प्राप्त शेयर बाजार कैलेंडर वर्ष के आखिर में यानी 31 दिसंबर को उन कंपनियों की एक लिस्ट तैयार करेगा, जिन्होंने जुलाई से अपने औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर ऐसी कंपनियों की रैंकिंग करते हुए अपनी निर्दिष्ट प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध किया है।

अगर किसी इकाई की रैंकिंग लगातार तीन वर्षों तक बदलती है, तो नए प्रावधान सूचीबद्ध इकाई के लिए लागू नहीं होंगे, जिससे बाजार पूंजीकरण में उतार-चढ़ाव का अनुभव करने वाली कंपनियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा सेबी ने प्रमुख प्रबंधकीय भूमिका (केएमपी) वाले खाली पदों को भरने के संबंध में छूट दी है और कुछ मामलों में समयसीमा को मौजूदा तीन माह से बढ़ाकर छह महीने कर दिया है।

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