भारतीय शेयर बाजार में शानदार तेजी का दौर नए साल में जारी है। इसके चलते आज सेंसेक्स पहली बार 73,000 अंक के स्तर से ऊपर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 22,000 अंक के स्तर को पार कर गया। आापको बता दें कि बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स लगातार पांचवें सत्र में बढ़त में रहा और 759.49 अंक उछलकर 73,327.94 के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 202.90 अंक चढ़कर 22,097.45 के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। अब जिस तरह की बाजार में तेजी जारी है, उसको देखते हुए कई मार्केट एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव तक निफ्टी 25,000 के स्तर को छू सकता है। वहीं, सेंसेक्स 80 हजार अंक के ऐतिहासिक लेवल को पार कर सकता है। यह अनुमान क्यों लगाया जा रहा है, आइए जानते हैं।
लॉर्ज कैप ले जाएंगे मार्केट को नई ऊंचाई पर
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि 2023 में मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में जबरदस्त तेजी रही थी। उसके दम पर बाजार ने नया हाई बनया था। 2024 में लॉर्ज कैप स्टॉक्स चल रहे हैं। उनमें मुख्य रूप से आईटी, बैंकिंग जैसे स्टॉक्स शामिल है। इसके अलावा रिलायंस और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिल रही है। ये दोनों हैवीवेट शेयर है। अगर ऐसी ही रफ्तार बनी रही तो आसानी से लोकसभा चुनाव जो मई में होने की उम्मीद है, तब तक सेंसेक्स 80 हजार के पार और निफ्टी 25 हजारी हो जाएगा।
निफ्टी 25,000 पहुंचने के पीछे तर्क
कई मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि तीन राज्यों में बीजेपी की सरकार, केंद्र में सरकार लौटने की उम्मीद से राजनीतिक स्थिरता, मजबूत आर्थिक विकास और 2024 के मध्य में वैश्विक बांड सूचकांकों में भारत के संभावित समावेश से भारत में अधिक एफपीआई प्रवाह होगा, जो मध्य तक बाजार को 24-25,000 तक ले जा सकता है। किसी भी निवेशक के लिए शेयर बाजार में भाग लेने के लिए, राजनीतिक स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है और वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा तीन बड़े राज्यों में जीत के साथ केंद्र में नई सरकार बनाने की बहुत अधिक संभावना है।
सिर्फ 26 दिन में 1000 अंक चला निफ्टी
कैपिटलमार्केट के आंकड़ों के अनुसार, निफ्टी 50 8 दिसंबर, 2023 को 21,000 के लेवर पर पहुंचा था। आज यानी 15 जनवरी को 22,000 के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया है। इस तरह केवल 26 कारोबारी सत्रों में निफ्टी में 1,000 अंकों की उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की। यह वर्ष 2019 के बाद से निफ्टी 50 इंडेक्स का सबसे तेज उछाल है। उस समय मात्र 21 सत्रों में 16,000 से 17,000 तक था।