साल 2023 विदाई लेने वाला है। यह साल शेयर बाजार निवेशकों के लिए बहुत ही शानदार साल रहा है। एनएसई निफ्टी 21,500 के पार पहुंच गया है। वहीं सेंसेक्स 71,000 के पार है। इससे निवेशकों की बंपर कमाई हुई है। मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर और दिसंबर के महीने में निवेशकों के सेंटीमेंट्स को काफी बढ़ावा मिला, जिससे घरेलू और वैश्विक बाजारों को नई ऊंचाई हासिल करने में मदद मिली।
मिड और स्मॉल कैप ने निफ्टी को पीछे छोड़ा
भारत के मैक्रो और माइक्रो फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं और बाजार को नई ऊंचाई छूने में मदद कर रहे हैं। निफ्टी ने 2023 में अब तक 18 फीसदी का रिटर्न दिया है। मिडकैप और स्मॉलकैप में भारी तेजी देखी गई, निफ्टी मिडकैप100 में 44 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप100 में 54 फीसदी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएसयू, रियल्टी, ऑटो के साथ-साथ बिजली, रक्षा, शिपिंग, उर्वरक, ईएमएस जैसे कई प्रमुख सेक्टर में खरीददारी में भारी दिलचस्पी देखी गई। पीएसयू बैंकों ने निजी बैंकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। अब वे लगातार 1 प्रतिशत आरओए देने की स्थिति में हैं और उनकी कमाई में सुधार की गुंजाइश है।
आईपीओ ने निवेशकों को किया मालामाल
सेकेंड्री मार्केट में तेजी के रुख के बाद आईपीओ बाजार भी काफी जीवंत रहा। पिछले साल 40 आईपीओ (कुल 64,000 करोड़ रुपए) के मुकाबले इस साल 48,000 करोड़ रुपए का फंड जुटाने के लिए 58 आईपीओ बाजार में आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे ओला इलेक्ट्रिक, स्विगी, फर्स्टक्राई, मोबिविक सहित नए जमाने के टेक आईपीओ में तेज वृद्धि की उम्मीद के साथ पाइपलाइन मजबूत बनी हुई है। इन सब के कारण विभिन्न वैश्विक फर्मों द्वारा भारत की रेटिंग के साथ-साथ जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान में सुधार हुआ है, जिसके चलते बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट-कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर को पार कर गया है। मार्केट कैप के हिसाब से हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज को पछाड़कर एनएसई दुनिया का 7वां सबसे बड़ा एक्सचेंज बन गया है।