शेयर बाजारों की दिशा इस कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, वैश्विक रुख और कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ और गिरावट देखने को मिल सकती है। विदेशी कोषों की भारी निकासी और कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहने की वजह से पिछले सप्ताह बाजार में बड़ी गिरावट आई थी। एक विशेषज्ञ ने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले निवेशकों के सतर्क रहने से निकट अवधि में बाजार में कमजोरी का रुख जारी रह सकता है। दिवाली के मौके पर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए विशेष मुहूर्त कारोबार होगा। प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई एक नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष ‘मुहूर्त कारोबार’ आयोजित करेंगे, जो नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है।
बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अल्पावधि में बाजार में गिरावट जारी रहेगी। इस रुख में बदलाव एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम होने और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा।’’ स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘आगे चलकर एफआईआई का प्रवाह बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जबकि अक्टूबर के वायदा एवं विकल्प निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है। अभी दूसरी तिमाही के नतीजों का सत्र चल रहा है। ऐसे में आगामी तिमाही नतीजे बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर भू-राजनीतिक घटनाक्रम, विशेष रूप से ईरान-इजराइल संघर्ष और कच्चे तेल की कीमतों पर इसका असर बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर निवेशकों की नजर
मीणा ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले दुनियाभर के बाजार सतर्क और इंतजार करो का रुख अपना सकते हैं। महत्वपूर्ण आंकड़े मसलन अमेरिका के रोजगार के आंकड़े, सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े, चीन का पीएमआई विनिर्माण आंकड़ा बाजार के लिए महत्वपूर्ण संकेतक होंगे। अमेरिका का मुख्य पीसीई मूल्य सूचकांक 31 अक्टूबर को जारी होगा, जिसके आधार पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई का आकलन करता है। इसके अलावा बैंक ऑफ जापान भी 31 अक्टूबर को अपने ब्याज दर पर निर्णय की घोषणा करने वाला है।’’ इस सप्ताह अदाणी पावर, बीएचईएल, अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और डाबर इंडिया अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी।
इस कारण विदेशी निवेशक निकाल रहे पैसा
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अक्टूबर की शुरुआत में शुरू हुई एफपीआई की बिकवाली का सिलसिला जारी है और अभी इस रुख के पलटने का कोई संकेत नहीं है। चीन द्वारा प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद एफपीआई की बिकवाली शुरू हुई है। इसके अलावा चीन के शेयरों का मूल्यांकन भी कम है। भारत में शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।’’ विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की बिकवाली से बाजार धारणा प्रभावित हुई है और निफ्टी अपने शीर्ष स्तर से आठ प्रतिशत नीचे आ गया है।
निफ्टी रिकॉर्ड हाई से 8% टूटा
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक संकेतों, दूसरी तिमाही के उम्मीद से कमजोर नतीजों की वजह से कुल मिलाकर निफ्टी 26,277 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर से आठ प्रतिशत नीचे आ गया है। अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों की वजह से अभी बाजार में कमजोरी का यह रुख जारी रहेगा। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,822.46 अंक या 2.24 प्रतिशत नीचे आया, जबकि निफ्टी 673.25 अंक या 2.70 प्रतिशत के नुकसान में रहा।