Paytm के शेयर होल्डिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव आया है। जहां एक ओर छोटे निवेशक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर तिमाही के दौरान अपनी हिस्सेदारी पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस में घटाई है, वहीं, दूसरी ओर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। आपको बता दें कि छोटे शेयरधारकों की संख्या, जिनका निवेश 2 लाख रुपये से कम है, पहले 11.43 लाख से घटकर 10.27 लाख रह गई है। प्रतिशत के लिहाज से, खुदरा शेयरधारिता जून में 14.28% से घटकर सितंबर तिमाही के अंत में 13.19% रह गई।
विदेशी निवेशकों ने भी घटाई हिस्सेदारी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों या एफपीआई ने भी सितंबर तिमाही के दौरान पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी कम की है। इस शेयर में प्रमोटर की कोई हिस्सेदारी नहीं है, एफपीआई ने जून तिमाही के अंत में अपनी हिस्सेदारी 58.24% से घटाकर 55.53% कर दी। हालांकि, भारत के म्यूचुअल फंड ने पिछले तीन महीनों की अवधि के दौरान इस शेयर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों ने बढ़ाई हिस्सेदारी
म्यूचुअल फंड ने पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी जून में 6.8% से बढ़ाकर सितंबर में 7.86% कर ली है। निप्पॉन म्यूचुअल फंड और मिराए म्यूचुअल फंड, जो जून तिमाही के अंत में 1% या उससे अधिक हिस्सेदारी वाले फंड के रूप में सामने आए थे ने भी सितंबर अवधि में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। जुलाई-सितंबर की अवधि में पेटीएम के शेयरों में 71% की वृद्धि हुई, जो लिस्टिंग के बाद से किसी तिमाही में इसका अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। हालांकि, यह रिकवरी तब हुई जब RBI द्वारा इसके पेमेंट बैंक पर बैन करने के बाद शेयर ₹310 के रिकॉर्ड लो पर पहुंच गया था। पेटीएम के शेयर 2021 में ₹2,150 प्रति शेयर के आईपीओ मूल्य पर शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुए थे। इस हालिया रिकवरी के बावजूद, शेयर अभी भी अपने आईपीओ मूल्य से 66% नीचे है। शेयर आज मामूली गिरावट के साथ 720.60 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।