आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) में निवेश करने वाले निवेशकों की बाढ़ है। इसकी वजह आईपीओ से तगड़ी कमाई का लालच है। शायद आपको जानकार आश्चर्य होगा कि अधिकांश निवेशक आईपीओ के तहत शेयर आवंटन के बाद उसमें लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं। अगर आईपीओ ने अच्छा रिटर्न दिया तो 7 दिन के अंदर ही शेयर बेचकर अपना पैसा निकाल लेते हैं। सेबी के एक सर्वे से यह जानकारी मिली है। इसमें कहा गया है कि आईपीओ को लेकर निवेशकों का रुख अलग-अलग देखने को मिलता है। निवेशक एक सप्ताह के भीतर वैल्यूएशन के हिसाब से आवंटित निर्गम का 54 प्रतिशत हिस्सा बेच देते हैं।
मुनाफे वाले आईपीओ से जल्दी निकलते हैं निवेशक
सेबी के सर्वे के अनुसार, अच्छी लिस्टिंग गेन वाले आईपीओ से निवेशक जल्द निकल जाते हैं। वहीं घाटे में सूचीबद्ध शेयरों की में बने रहते हैं। सेबी ने आईपीओ में खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और काफी संख्या में बोलियों को देखते हुए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में निवेशक के व्यवहार का विश्लेषण करने के लिए एक अध्ययन किया है। अध्ययन में अप्रैल, 2021 और दिसंबर, 2023 के बीच सूचीबद्ध 144 आईपीओ के आंकड़े को शामिल किया गया है।
2.13 लाख करोड़ रुपये जुटाये गये
अध्ययन अवधि के दौरान 144 आईपीओ के जरिये सामूहिक रूप से कुल 2.13 लाख करोड़ रुपये जुटाये गये। इसमें कुल निर्गम आकार का 65 प्रतिशत बिक्री पेशकश (ओएफएस) के अंतर्गत था। इसके माध्यम से कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों ने अपनी हिस्सेदारी बेची सेबी के अध्ययन के मुताबिक ‘‘निवेशकों (एंकर निवेशकों को छोड़कर) को आवंटित लगभग 54 प्रतिशत निर्गम (मूल्य के संदर्भ में) सूचीबद्धता के एक सप्ताह के भीतर बेच दिये गये।’’
खुदरा निवेशकों ने 42.7 प्रतिशत शेयर बेचे
व्यक्तिगत निवेशकों ने सूचीबद्ध होने के एक सप्ताह के भीतर उन्हें आवंटित 50.2 प्रतिशत शेयर (मूल्य के संदर्भ में) बेच दिये। वहीं गैर-संस्थागत निवेशकों (एनआईआई) ने 63.3 प्रतिशत शेयर और खुदरा निवेशकों ने 42.7 प्रतिशत शेयर बेचे। दिलचस्प बात यह है कि व्यक्तिगत निवेशकों ने एक साल के भीतर मूल्य के हिसाब से 70 प्रतिशत शेयर बेच दिये। दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड आईपीओ शेयरों में लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, जबकि बैंक तेजी से इन्हें बेचते हैं। म्यूचुअल फंड ने एक सप्ताह के भीतर आवंटित मूल्य का लगभग 3.3 प्रतिशत बेचा, जबकि बैंकों ने 79.8 प्रतिशत बेचा। अध्ययन के अनुसार, रिटर्न का बिक्री पर असर दिखाई दिया।
20 प्रतिशत रिटर्न मिलने पर बेचने वाले बढ़े
जब आईपीओ पर रिटर्न एक सप्ताह के भीतर 20 प्रतिशत से अधिक रहा, व्यक्तिगत निवेशकों ने मूल्य के हिसाब से 67.6 प्रतिशत शेयर बेचे। इसके विपरीत, जब रिटर्न नकारात्मक था, तब निवेशकों ने मूल्य के हिसाब से केवल 23.3 प्रतिशत शेयर बेचे। राज्यों के संदर्भ में, गुजरात के खुदरा निवेशकों को श्रेणी में आवंटन का 39.3 प्रतिशत प्राप्त हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र (13.5 प्रतिशत) और राजस्थान (10.5 प्रतिशत) का स्थान रहा। आईपीओ भागीदारी में वृद्धि को डीमैट खातों की बढ़ी हुई संख्या के आधार पर देखा जा सकता है। अध्ययन के मुताबिक, अप्रैल, 2021 और दिसंबर, 2023 के बीच आईपीओ के लिए आवेदन करने वाले लगभग आधे डीमैट खाते कोविड के बाद की अवधि 2021-2023 के दौरान खोले गए थे।