हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद लगातार मुश्किल झेल रहे अडानी समूह की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस हफ्ते सिर्फ दो दिनों में तेजी दिखाने के बाद समूह की सभी कंपनियों के शेयर औंधे मुंह गिर रहे हैं। कल की तरह अडानी समूह की ज्यादातर कंपनियों के शेयर शुक्रवार को भी नुकसान के साथ बंद हुए। वित्तीय सूचकांक प्रदान करने वाली एमएससीआई ने कहा है कि वह समूह की कंपनियों की कुछ प्रतिभूतियों के ‘फ्री फ्लोट’ के दर्जे में कमी कर रही है। एफएससीआई के इस कदम के बाद अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर चार प्रतिशत नीचे आया।
बाजार में मिले-जुले रुख के बीच, अडाणी समूह की आठ कंपनियां नुकसान में रहीं, जबकि दो अन्य के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। एमएससीआई के फैसले के बाद अडानी समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 10 फरवरी को 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि 24 जनवरी की तुलना में समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब 51 प्रतिशत नीचे आ चुका है। अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर बीएसई पर 4.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,847.35 रुपये पर बंद हुआ। दिन में कारोबार के दौरान यह 10 प्रतिशत गिरकर 1,734.60 रुपये पर आ गया था। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 9,114.31 करोड़ रुपये घटकर 2.10 लाख करोड़ रुपये रह गया।
अडाणी पावर का शेयर 164.30 रुपये पर बंद हुआ। इसी तरह अडाणी ट्रांसमिशन 1,186.15 रुपये, अडाणी ग्रीन एनर्जी 723.90 रुपये और अडाणी टोटल गैस 1,258.25 रुपये पर था। एनडीटीवी का शेयर 3.65 प्रतिशत गिरकर 208.65 रुपये पर और एसीसी का 1.85 प्रतिशत गिरकर 1,881 रुपये और अडाणी विल्मर 0.95 प्रतिशत गिरकर 436.10 रुपये पर बंद हुआ।
हालांकि अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 0.85 प्रतिशत बढ़त के साथ 361.05 रुपये पर बंद हुआ। जबकि अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकानॉमिक जोन का शेयर 0.31 प्रतिशत बढ़त के साथ 583.85 रुपये पर बंद हुआ। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 123.52 अंक या 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,682.70 अंक पर बंद हुआ।