देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के एक साल के भीतर इसके शेयरों की कीमत करीब 40 प्रतिशत तक गिर गई और निवेशकों को करीब 1.93 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। सार्वजनिक बीमा कंपनी एलआईसी के शेयर 17 मई, 2022 को शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुए थे। उस समय इसके शेयर 949 रुपये के निर्गम भाव की तुलना में आठ प्रतिशत कम मूल्य पर सूचीबद्ध हुए थे। बीएसई में इसका भाव 872 रुपये और एनएसई में 867.20 रुपये प्रति शेयर था।
एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 20,557 करोड़ रुपये सरकार को मिले थे। यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ था। हालांकि शेयर बाजार में सूचीबद्धता के एक साल पूरा होने पर बीएसई और एनएसई दोनों ही जगह इसके भावों में तगड़ी गिरावट आ चुकी है। बीएसई में एलआईसी का शेयर निर्गम मूल्य की तुलना में 39.92 प्रतिशत गिर चुका है जबकि एनएसई पर इसकी कीमत में 39.93 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। बुधवार को एलआईसी का शेयर 0.48 प्रतिशत के लाभ के साथ 570.10 रुपये प्रति इक्विटी पर बंद हुआ। वहीं एनएसई में कंपनी का शेयर 0.44 प्रतिशत बढ़कर 570 रुपये प्रति इक्विटी पर बंद हुआ।
बीते एक साल में एलआईसी का शेयर अधिकतम 920 रुपये के भाव पर पहुंचा और इसका निचला स्तर 530.20 रुपये रहा। पूरे साल यह एक बार भी 949 रुपये के निर्गम मूल्य से आगे नहीं निकल पाया। इसका परिणाम यह हुआ है कि बुधवार को एलआईसी का बाजार पूंजीकरण घटकर 3,60,588.12 करोड़ रुपये पर आ गया जबकि सूचीबद्धता के दिन इसका मूल्यांकन करीब 5.54 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 1,93,411.88 करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है। बाजार मूल्यांकन के लिहाज से एलआईसी अब 13वें स्थान पर खिसक चुकी है। वहीं सूचीबद्धता के समय यह शीर्ष पांच कंपनियों में शामिल थी।