भारतीय शेयर बाजारों में एक नई शुरुआत की इबारत लिख दी गई है। विदेशी बाजारों की तर्ज पर अब भारत में भी सामाजिक शेयर बाजार की शुरुआत होने वाली है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने बृहस्पतिवार को बताया कि उसे अपने प्लेटफॉर्म पर अलग श्रेणी के तौर पर सामाजिक शेयर बाजार (एसएसई) शुरू करने के लिए बाजार नियामक सेबी की अंतिम मंजूरी मिल गई है।
क्या होता है सामाजिक शेयर बाजार
विकसित देशों के शेयर बाजारों में सोशल इंडेक्स या सामाजिक शेयर बाजारों का प्रचलन पहले से ही है। इसमें उन कंपनियों को शामिल किया जाता है जो कि अपने क्रियाकलापों में सामाजिक हित का ध्यान रखती हैं। कई बड़े फंड इनमें निवेश को तरजीह देते हैं। ऐसा कोई भी सामाजिक उद्यम, गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) या लाभ के लिए सामाजिक उद्यम (एफपीई), जो अपना मुख्य उद्देश्य सामाजिक बताता है, इसमें सूचीबद्ध हो सकता है। योग्य एनपीओ के लिए, इसमें प्रवेश को लेकर पहला कदम एसएसई श्रेणी में पंजीकरण कराना है।
सेबी से मिली मंजूरी
एनएसई ने एक बयान में बताया कि अंतिम मंजूरी 22 फरवरी को मिली। सामाजिक शेयर बाजार सामाजिक उपक्रमों को सामाजिक पहल के वित्तपोषण के लिए नए अवसर प्रदान कराएगा, उन्हें दूरदर्शिता प्रदान करेगा और सामाजिक उद्यमों द्वारा धन जुटाने और उपयोग में अधिक पारदर्शिता लाएगा।
सामाजिक उद्यमों का अपना इंडेक्स
एनएसई के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष कुमार चौहान ने कहा, “जागरूकता लाने के लिए हम कई कार्यक्रम कर रहे हैं और शेयर बाजार में प्रवेश के विभिन्न चरणों पर सामाजिक उद्यमों का संचालन कर रहे हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने सामाजिक उद्यमों को एसएसई श्रेणी के पंजीकरण और सूचीबद्ध होने के तंत्र और लाभों को समझने के लिए एनएसई के संपर्क में बने रहने का आग्रह किया।