इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे जबरदस्त संघर्ष (Israel-Palestine conflict) का मार्केट पर भी आने वाले दिनों में असर देखने को मिल सकता है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजय कुमार ने कहा कि इन दोनों पक्षों ने बाजारों के लिए भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है। कुमार का कहना है कि कोई नहीं जानता कि यह युद्ध कैसे डेवलप होगा। मार्केट (Market) के नजरिये से देखें तो यह समझना जरूरी है कि भले ही मौत और विनाश दुखद है, लेकिन फिलहाल इससे तेल सप्लाई (Crude oil supply) में बड़ा अड़चन आने की संभावना नहीं है, जिससे भारत जैसे प्रमुख तेल आयातक प्रभावित होंगे। लेकिन अगर हमास के साथ उसका सपोर्टर ईरान युद्ध में शामिल हो जाता है तो स्थिति बदल जाएगी।
मार्केट में रिस्क बढ़ सकता है
खबर के मुताबिक, युद्ध के आगे बढ़ने से सप्लाई बाधित हो सकती है। इससे कच्चे तेल में उबाल (Crude oil Price) आ सकता है जिससे मार्केट में रिस्क बढ़ सकता है। यह सावधान रहने का समय है। कुमार ने कहा कि निवेशक बड़ा रिस्क लेने से बच सकते हैं। फिलहाल वेट एंड वॉच की नीति पर फोकस करें। कुमार ने सलाह देते हुए कहा है कि लंबी अवधि के निवेशक गिरावट पर धीरे-धीरे हाई क्वालिटी वाले स्टॉक जमा कर सकते हैं।
व्यापक बाजारों से भी भागीदारी दिखी
प्रभुदास लीलाधर की उपाध्यक्ष (टेक्निकल रिसर्च) वैशाली पारेख ने कहा कि आरबीआई नीति के नतीजों के बाद निफ्टी ने बढ़त को और बढ़ाया और 19,650 क्षेत्र के ऊपर बंद हुआ, जिससे धीरे-धीरे पूर्वाग्रह में सुधार हुआ और व्यापक बाजारों (Market) से भी भागीदारी दिखाई देने लगी। आने वाले दिनों में और बढ़ोतरी के लिए कुछ मजबूत भरोसा स्थापित करने के लिए इंडेक्स को 19,850 के लेवल की अगली बाधा को पार करने की जरूरत होगी। पारेख ने कहा कि दिन के लिए सपोर्ट 19,550 के लेवल पर देखा गया है
सोमवार सुबह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 270 अंक गिरकर 65724 अंक पर कारोबार कर रहा था। टाइटन, एसबीआई, बजाज फिनसर्व, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, पावरग्रिड 1 फीसदी से ज्यादा नीचे हैं।