क्या भारतीय स्टॉक मार्केट में एक बार फिर बड़ी गिरावट आने वाली है? ऐसा इसलिए कि विदेशी निवेशक शेयर बाजार से जमकर पैसा निकाल रहे हैं। इस तरह का ट्रेंड पहले भी देखने को मिला है। उसके बाद बाजार में गिरावट आई है। इस बार अमेरिका में खुदरा महंगाई के उम्मीद से अधिक रहने के कारण अमेरिकी बांड पर ब्याज दर बढ़ी है। इसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजार में लगातार बिकवाल बने हुए हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि इस महीने 16 फरवरी तक एफपीआई ने एक्सचेंज के जरिए 6,112 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है। लेकिन 'प्राथमिक बाजार और अन्य' के माध्यम से खरीदारी से 16 फरवरी तक शुद्ध बिक्री का आंकड़ा घटकर 3,775 करोड़ रुपये रह गया है। उन्होंने कहा, इस साल 1 जनवरी से अब तक एफपीआई की कुल बिक्री 29,519 करोड़ रुपये है।
ब्याज ऊंची बनी रहने पर बिकवाली होती रहेगी
एफपीआई की बिकवाली का रुझान तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक अमेरिकी बांड पर ब्याज ऊंची बनी रहेगी। इस साल की शुरुआत में शुरू हुई डेट में एफपीआई की निरंतर खरीदारी भी जारी है। एफपीआई ने फरवरी में 16 तारीख तक 16,559 करोड़ रुपये का डेट खरीदा, जिससे 2024 के लिए डेट की कुल खरीद का आंकड़ा 36,395 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति जारी रहने की भी संभावना है।
एफआईआई आक्रामक बिक्री नहीं कर रहे
अमेरिकी बांड पर बढ़ते ब्याज के कारण एफपीआई इक्विटी में बिक्री जारी रखेंगे। लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों की लगातार खरीददारी के कारण एफआईआई आक्रामक बिक्री नहीं कर रहे हैं। यह बाजार को संभाले हुए है। हालांकि, भारतीय स्टॉक मार्केट का वैल्यूएश काफी महंगा है। इसके चलते कई मार्केट एक्सपर्ट बाजार में गिरावट की आशंका जता रहे हैं।