पब्लिक सेक्टर की भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लि.(इरेडा)कंपनी में इक्विटी पूंजी बढ़ाने के लिए अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) लाने की योजना बना रही है। इस बात की जानकारी कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने दी। उल्लेखनीय है कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) पिछले साल नवंबर में 2,150 करोड़ रुपये का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लेकर आई थी। यह एफपीओ अगले वित्त वर्ष के आखिर या अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में आ सकता है।
24,200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
खबर के मुताबिक, दास ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमने 24,200 करोड़ रुपये बाजार से जुटाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन हमारा अनुमान है कि नवीकरणीय ऊर्जा और नए उद्योगों (हरित हाइड्रोजन, बैटरी भंडारण आदि) की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें और इक्विटी पूंजी चाहिए। इसके लिए हम एफपीओ लाने पर विचार कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस समय एफपीओ के आकार के बारे में अभी कुछ बताना मुश्किल होगा।
कंपनी का वित्त वर्ष 2023-24 में कर्ज वितरण
दास ने कहा कि हम चालू वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज वितरण की उम्मीद कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी इरेडा का कर्ज वितरण वित्त वर्ष 2023-24 में 15.94 प्रतिशत बढ़कर 25,089.04 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2022-23 में 21,639.21 करोड़ रुपये था।
इरेडा का शुद्ध एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) 0.99 प्रतिशत रहा जो 2022-23 में 1.66 प्रतिशत था। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट (इरेडा) ने वित्त वर्ष 2023-24 में सर्वाधिक ऋण मंजूरी दी। इरेडा ने बयान में कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 में 37,354 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए और 25,089 करोड़ रुपये के ऋण बांटे। सरकार की कंपनी में 75% स्वामित्व हिस्सेदारी है।