IPO Watch: शेयर बाजार में तेजी लौटने से प्राइमरी मार्केट यानी आईपीओ बाजार में भी हलचल तेज हुई है। हाल के दिनों में कई कंपनियों ने बाजार से पैसा जुटाने के लिए आईपीओ लेकर आई है। इसी कड़ी में रियल्टी कंपनी कीस्टोन रियलटर्स अपना आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लेकर आ रही है। कंपनी की योजना इस आईपीओ से 635 करोड़ रुपये जुटाने की है। आईपीओ के तहत 560 करोड़ रुपये के नये शेयर जारी किये जायेंगे और इसके प्रवर्तक 75 करोड़ रुपये तक की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लेकर आएंगे। आईपीओ के लिये मूल्य दायरा 514-541 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। निर्गम 14 नवंबर यानी आज खुलेगा और 16 नवंबर को बंद होगा।
लंबे समय तक हम शानदार रिटर्न देंगे
कीस्टोन रियल्टर्स पहले ही एंकर निवेशकों से 190 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। 'रुस्तमजी' ब्रांड के तहत संपत्तियों की बिक्री करने वाली कीस्टोन रियल्टर्स लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बोमन रुस्तम ईरानी ने कहा कि मैं सकारात्मक हूं कि जनता हमारी उपलब्धियों को समझेगी और लंबे समय तक हम शानदार रिटर्न देंगे। वर्ष 1995 में स्थापित कीस्टोन रियल्टर्स के पास मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर) में 32 पूर्ण परियोजनाएं, 12 निर्माणाधीन परियोजनाएं और 19 आगामी परियोजनाएं हैं। यह कंपनी मुंबई और उसके आसपास के एरिया में एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स है। कंपनी की मौजूदगी जुहू, बांद्रा पूर्व, खार, भांडुप, विरार और ठाणे में है। इस साल 31 मार्च तक, कंपनी के पास मुंबई महानगर क्षेत्र में 32 पूर्ण परियोजनाएं थी जिसमें से 12 चल रही प्रोजेक्ट्स और 19 आने वाली है। इन प्रोजेक्ट में किफायती, मध्यम और बड़े पैमाने पर, प्रीमियम और सुपर प्रीमियम के तहत घरों की एक विस्तृत रेंज है।
आईपीओ से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी यहां
- इस आईपीओ में आप आज से लेकर 16 नवंबर तक पैसा लगा सकते हैं।
- आईपीओ के तहत कंपनी 560 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर जारी करेगी।
- इसके अलावा 75 करोड़ के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल के जरिये की जाएगी।
- कंपनी ने आईपीओ का प्राइस बैंड 514-541 रुपये प्रति शेयर तय किया है।
- आईपीओ से मिलन वाली रकम में से 341.6 करोड़ का इस्तेमाल उधार के री-पेमेंट/ प्री-पेमेंट के लिए करने के लिए किया जाएगा ।
- रिटेल निवेशक न्यूनतम 27 इक्विटी शेयरों और उनके मल्टीपल में बोली लगा सकते हैं।
- इश्यू का आधा हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए है।
- वहीं, 35 फीसदी रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए है।
- शेष 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए आरक्षित किया गया है।