वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि शेयर बाजार के निवेशक जोखिम और लाभ को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर ही दांव लगाते हैं। शेयर बाजारों में सट्टेबाजी आधारित अल्पकालिक दांव लगाने से निवेशकों के पैसे गंवाने को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच गोयल ने कहा कि निवेशकों ने पिछले एक दशक में प्रगति देखी है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि लेनदेन बढ़ने के बीच फ्यूचर एंड ऑप्शन सौदों में दस में से नौ बार नुकसान होता है। जबकि दस में से सात इंट्रा-डे दांव खुदरा निवेशकों के लिए भी नुकसान का कारण बनते हैं। इसे लेकर नियामकीय हस्तक्षेप की मांग तेज होने लगी है।
इंडिया की ग्रोथ स्टोरी को नकार रहे कुछ लोग
गोयल ने यहां चार्टर्ड अकाउंटेंट की एक बैठक में कहा, ‘‘शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग पूरी तरह से खुली आंखों से निवेश करते हैं। उन्हें पता होता है कि इसमें जोखिम है और उन्हें इसके लाभों के बारे में भी पता है। निवेशकों ने पिछले दस वर्षों में भारत में प्रगति देखी है।’’ इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर भारत की विकास से जुड़ी कहानी को ‘झूठ’ क्यों बता रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग नकारात्मक सोच वाले होंगे, कुछ लोग ऐसे होंगे जो आपकी बातों पर भरोसा नहीं करेंगे। मुझे नहीं पता कि उनकी मानसिकता या उद्देश्य क्या है, मुझे नहीं पता कि वे भारत की विकास कहानी को क्यों झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
भारत की विकास कहानी बहुत मजबूत
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो साथी भारतीयों की कड़ी मेहनत पर गर्व नहीं करते और ऐसे वीडियो पोस्ट करते हैं जो लोगों से शेयर बाजार में निवेश न करने के लिए कहते हैं क्योंकि भारत में स्थिति खराब है। गोयल ने कहा कि भारत की विकास कहानी बहुत मजबूत है और सरकार ने विकास और प्रगति की एक ऊंची गगनचुंबी इमारत खड़ी करने की नींव रखी है, जिससे भारत अगले तीन वर्षों में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उत्तर मुंबई से सांसद
10,000 युवाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
गोयल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुंबई के बोरीवली और कांदिवली में कौशल विकास केंद्रों से अगले तीन वर्षों में लगभग 10,000 युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने के लिए पूरे राज्य से युवा आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगे चलकर यह राज्य में उद्योग सहयोग के साथ कौशल विकास को बढ़ावा देने का एक मॉडल बन जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले युवाओं को नौकरियां मिलेंगी।’’ कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि उनका मंत्रालय इन केंद्रों के विकास में हरसंभव मदद करेगा।