मिडिल ईस्ट में चल रहे मौजदूा तनाव (Middle East tensions) यानी इजरायल-हमास वॉर के लंबे असर की चिंताओं के चलते निवेशकों (Investors) के आने वाले समय में सतर्क रहने की उम्मीद है। मार्केट एक्पर्ट का मानना है कि अस्थिरता अभी बनी रहेगी, हालांकि लंबी अवधि के निवेशकों को वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के नतीजे, आय अनुमान और त्योहारों के चलते बढ़ी मांग से निवेश के अवसर मिलेंगे। IANS की खबर के मुताबिक, यह बातें जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कही है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार (Indian Market) अमेरिकी जीडीपी डेटा की सावधानी से निगरानी करेगा। यह फेडरल रिजर्व की ब्याज दर के संदर्भ में होगा।
आईटी सेक्टर से निराशा और बैंकों के मिले-जुले रिजल्ट्स
खबर के मुताबिक, नायर ने कहा कि मिडिस ईस्ट (मध्य पूर्व) के तनाव (Israel-Hamas war) और बढ़ी हुई अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ने इस हफ्ते बाजार को नरम रखा। कमाई के मौसम की कमजोर शुरुआत, आईटी सेक्टर से निराशा और बैंकों के मिले-जुले रिजल्ट्स ने निवेशकों को मुनाफावसूली करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने मार्केट से धन निकालना जारी रखा क्योंकि यूएस फेड चेयर ने मौद्रिक नीति को जारी रखने और ब्याज दर को ऊंचा रखने की जरूरत पर बल दिया।
बैंकिंग सेक्टर फोकस में रहेगा
उधर, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च चीफ सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि सोमवार को बैंकिंग सेक्टर फोकस में रहेगा। निवेशक (share market investors) आईसीआईसीआई और कोटक बैंक के दूसरी तिमाही के नतीजों पर प्रतिक्रिया देंगे। अगले सप्ताह एक्सिस बैंक, टेकएम, मारुति, बजाज फिनसर्व, एसबीआई लाइफ और डॉ रेड्डीज के नतीजे अनाउंस होने के आसार हैं। इस पर भी बाजार (Share Market) में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी ने कहा कि निफ्टी का कम समय के लिए रुझान नेगेटिव बना हुआ है।