भारतीय शेयर बाजार में छोटे निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वह बाजार में कमाई के लिए अपनी बचत का पैसा लगा रहे हैं लेकिन बाजार की तेज गिरावट उनको परेशान कर रहा है। कोरोना के बाद भारतीय बाजार तेजी से रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा है। हालांकि, अब गिरावट भी उसी मुताबिक देखने को मिल रही है। एक दिन में सेंसेक्स 1200 अंक तो निफ्टी 300 से अधिक लुढ़क जा रहा है। इससे छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि बाजार की चाल और काम करने के तरीको को समझा जाए। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि छोटे निवेशकों को बाजार की चाल पर खासा ध्यान रखें। इससे नुकसान को रोकने में मदद मिलेगी। आइए, जानते हैं कि सोमवार से भारतीय बाजार की चाल कैसी रहेगी।
ये फैक्टर डालेंगे शेयर बाजार पर असर
स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा वैश्विक रुख से तय होगी। इसके अलावा बाजार भागीदार विदेशी निवेशकों की गतिविधियों पर भी निगाह रखेंगे। शेयर मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनियों के तिमाही नतीजों का सत्र अब आखिरी चरण में है। ऐसे में बाजार में शेयर विशेष गतिविधियां भी देखने को मिलेंगी। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि.के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, इस सप्ताह घरेलू और वैश्विक दोनों मोर्चों पर वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं। औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े 12 फरवरी को जारी होंगे। वहीं थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 फरवरी को आएंगे। अमेरिका के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े 13 फरवरी तथा खुदरा बिक्री के आंकड़े 15 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
ग्लोबल फैक्टर का इम्पैक्ट भी देखने को मिलेगा
मीणा ने कहा कि इन आंकड़ों के बीच अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल तथा डॉलर सूचकांक में उतार-चढ़ाव पर सभी की नजर रहेगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतें और संस्थागत निवेशकों का प्रवाह भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। सप्ताह के दौरान एनएचपीसी, सेल, बीएचईएल, हिंदुस्तान कॉपर, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अन्य कंपनियां अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगी। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 490.14 अंक या 0.67 प्रतिशत टूट गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 71.3 अंक या 0.32 प्रतिशत की गिरावट आई।
कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी नजर
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, इस सप्ताह बाजार की दिशा वैश्विक और घरेलू आर्थिक आंकड़ों, एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक), डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशक) के निवेश के रुख, कच्चे तेल के भंडार, कंपनियों के तिमाही नतीजों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और वैश्विक बाजार के रुझान से तय होगी। नंदा ने कहा कि इसके अलावा घरेलू आर्थिक आंकड़े भी महत्वपूर्ण रहेंगे। सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आने हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, हमें उम्मीद है कि वृहद आर्थिक आंकड़ों और तीसरी तिमाही के नतीजों के आखिरी चरण के बीच निकट भविष्य में बाजार में सतर्कता का रुख रहेगा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अमेरिका, ब्रिटेन और भारत में मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने से पहले बाजार में सतर्कता का रुख रहेगा।