पूंजी बाजार नियामक सेबी संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) में पारदर्शिता बढ़ाने के मकसद से भेदिया कारोबार नियम 1 नवंबर से लागू करेगा। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी की गई है। आनंद राठी वेल्थ लि.के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि सेबी ने मूल्य से संबद्ध अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी तक पहुंच रखने वाले कर्मचारियों को नामित व्यक्तियों के रूप में चिह्नित किये जाने को जरूरी किया है। इसके जरिये सेबी भेदिया कारोबार को लेकर व्यवस्था का चाक-चौबंद बना रहा है।
निदेशक मंडल ने इसकी मंजूरी दी
खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि संवेदनशील जानकारी की गोपनीयता बनाए रखने और इसका लाभ उठाने को लेकर पर्याप्त प्रतिबंध लगाने पर जोर भेदिया कारोबार को रोकने के लिए सेबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सेबी की 26 जुलाई की एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (भेदिया कारोबार निषेध) (संशोधित) नियमन, 2022, 1 नवंबर, 2024 से अमल में आएगा। निदेशक मंडल ने इसकी मंजूरी दी है।
अजीज ने कहा कि संशोधित नियमों के तहत उन कर्मचारियों और दूसरी व्यक्तियों की सूची बनाए रखने की जरूरत है जिनके पास अप्रकाशित जानकारी तक पहुंच है। साथ ही गोपनीयता समझौतों पर हस्ताक्षर करने या नोटिस देने की भी आवश्यकता है। यह सुरक्षा को और चाक-चौबंद बनाता है। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि कानून के लागू होने में मुख्य रूप से उद्योग के प्रतिरोध और सामान्य मानकों को स्थापित करने में परिचालन चुनौतियों के कारण देरी हुई।
नियम क्या कहता है
नियम के मुताबिक, एएमसी को स्टॉक एक्सचेंजों के प्लेटफॉर्म पर एएमसी, ट्रस्टियों और उनके नजदीकी रिश्तेदारों द्वारा अपने म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में होल्डिंग्स का विवरण, समेकित आधार पर प्रकट करना होगा। एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के नामित व्यक्तियों, ट्रस्टियों और उनके नजदीकी रिश्तेदारों द्वारा निष्पादित अपने स्वयं के म्यूचुअल फंड की इकाइयों में सभी लेन-देन का विवरण संबंधित व्यक्ति द्वारा एसेट मैनेजमेंट के अनुपालन अधिकारी को रिपोर्ट किया जाएगा।