Saturday, December 28, 2024
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रुपया है कि मानता नहीं, बस गिरता ही जा रहा, और लुढ़ककर फ्रेश ऑल टाइम लो पर, जानें आज का रेट

पिछले कुछ हफ्तों में रुपया लगभग हर दिन नए निचले स्तर को छू रहा है। पिछले दो सत्रों में 13 पैसे की गिरावट के बाद गुरुवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 12 पैसे गिरकर 85.27 पर आ गई थी।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 27, 2024 17:06 IST, Updated : Dec 27, 2024 17:13 IST
अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी रुपये पर दबाव डाला है।
Photo:INDIA TV अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी रुपये पर दबाव डाला है।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा लगातार कमजोर हो रही है। रुपया शुक्रवार को और कमजोर होकर अब तक के सबसे निचले लेवल पर लुढ़क गया। मजबूत डॉलर के कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की गिरावट के साथ रुपया 85.50 (अनंतिम) के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। पीटीआई की खबर के मुताबिक, विश्लेषकों का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा अल्पकालिक अग्रिम अनुबंधों में डॉलर भुगतान को रोके रखने के रुख ने डॉलर की कमी को और बढ़ा दिया है, क्योंकि आयातक महीने के आखिर में अपने भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए दौड़ पड़े हैं।

सबसे निचले इंट्राडे स्तर पर आ गया

खबर के मुताबिक, जानकारों का कहना है कि घरेलू इक्विटी बाजारों में मजबूत धारणा के बावजूद, विदेशी फंडों के निरंतर बहिर्वाह और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण रुपये पर दबाव पड़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.31 पर कमजोर खुला और 53 पैसे गिरकर 85.80 के अब तक के सबसे निचले इंट्राडे स्तर पर आ गया। आखिर में रुपया डॉलर के मुकाबले 85.50 (अनंतिम) पर बंद हुआ। रुपये में इससे पहले एक दिन में 68 पैसे की सबसे तेज गिरावट 2 फरवरी, 2023 को दर्ज की गई थी।

लगभग हर दिन नए निचले स्तर को छू रहा रुपया

पिछले कुछ हफ्तों में रुपया लगभग हर दिन नए निचले स्तर को छू रहा है। पिछले दो सत्रों में 13 पैसे की गिरावट के बाद गुरुवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 12 पैसे गिरकर 85.27 पर आ गई थी। सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पाबारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक के पास दिसंबर और जनवरी में परिपक्व होने वाले शॉर्ट-साइड फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट में 21 अरब अमरीकी डॉलर हैं। बाजार की अटकलों से पता चलता है कि आरबीआई ने इन परिपक्व फॉरवर्ड को आगे बढ़ाने से परहेज किया है, जिससे डॉलर की कमी और रुपये की अधिक आपूर्ति हो रही है। बाजार में डॉलर की तरलता बहुत कम बनी हुई है।

हाजिर कीमत का इतना है अनुमान

मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी के मुताबिक, महीने के आखिर में आयातकों की डॉलर मांग और विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के चलते रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी रुपये पर दबाव डाला है। यूएसडी-आईएनआर हाजिर कीमत 85.30 रुपये से 85.85 रुपये के बीच रहने का अनुमान लगाया। इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत को मापता है, 0.04 प्रतिशत बढ़कर 107.94 पर कारोबार कर रहा था, जबकि 10 साल के बेंचमार्क यूएस ट्रेजरी यील्ड में 0.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अपने सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

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