Indian Share Market Record Drop: घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स करीब 900 अंक लुढ़क कर पांच महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ। अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के विफल होने के बीच बैंक, वित्तीय और वाहन शेयरों में भारी बिकवाली से घरेलू बाजार में गिरावट रही। कारोबारियों के अनुसार वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में वृद्धि की आशंकाओं के बीच विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने तथा कमजोर घरेलू मुद्रा से भी बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरूआती कारोबार में 375 अंक चढ़ गया था, लेकिन बढ़त को बरकरार नहीं रख सका और अंत में 897.28 अंक यानी 1.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,237.85 अंक पर बंद हुआ। यह पांच महीने का सबसे निचला स्तर है।
शेयर बाजार में सबकी हालत खराब
सेंसेक्स के तीस शेयरों में 29 नुकसान में जबकि केवल एक लाभ में रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 258.60 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,154.30 अंक पर बंद हुआ। इसमें शामिल 50 शेयरों में से 45 शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। सेंसेक्स के शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान में इंडसइंड बैंक रहा। इसमें 7.46 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक और इन्फोसिस प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। केवल टेक महिंद्रा का शेयर लाभ में रहा। अमेरिका के एसवीबी फाइनेंशियल के विफल होने का बाजार पर असर दिख रहा है। यह बैंक मुख्य रूप से स्टार्टअप को वित्त पोषण उपलब्ध कराता है। इस बैंक के विफल होने का असर दुनिया भर में देखा जा रहा है।
2008 के बाद पहली बार आई ऐसी आफत
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत दमानी ने कहा कि वर्ष 2008 के बाद से अमेरिका में एक बड़े बैंक के विफल होने के बाद निवेशक चिंतित हैं और वे सुरक्षित माने जाने वाली संपत्तियों में निवेश को तरजीह दे रहे हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''सिलिकॉन वैली बैंक और उसके बाद अमेरिका के ही सिग्नेचर बैंक के विफल होने के बाद वैश्विक बाजार में भारी गिरावट आई। विशेष रूप से, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक में किये गये फैसले का बाजार में बिकवाली पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा। इसके अलावा, मंगलवार को अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े आने हैं। उसका भी अल्पावधि में बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। बाजार महंगाई में कमी की उम्मीद कर रहा है।
चारो तरफ घाटे का कारोबार
बीएसई स्मॉलकैप में 2.08 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक में 1.82 प्रतिशत की गिरावट आई। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सोमवार को 1,546.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।