अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया शुक्रवार को अतरबैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में सीमित दायरे में कारोबार के बाद अंत में डॉलर के मुकाबले महज एक पैसे की गिरावट के साथ 83.95 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुआ। भाषा की खबर के मुताबिक, घरेलू शेयर बाजार में तेजी और डॉलर के कमजोर होने से रुपये को मिले समर्थन को पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच विदेशी फंड्स की निकासी ने बेअसर कर दिया।
रुपया आज 83.93 प्रति डॉलर पर खुला
खबर के मुताबिक, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनियम बाजार में रुपया 83.93 प्रति डॉलर पर खुला लेकिन जल्द ही इसकी दिशा नकारात्मक हो गई और कारोबार के दौरान यह दिन के निचले स्तर 83.96 प्रति डॉलर को छू गया। कारोबार के आखिर में यह मात्र एक पैसे की गिरावट के साथ 83.95 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। रुपया बुधवार को तीन पैसे की तेजी के साथ 83.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
अमेरिका में उम्मीद से बेहतर आंकड़े
एलकेपी सिक्योरिटीज के जिंस और मुद्रा शोध विश्लेषण विभाग के उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी के मुताबिक, डॉलर इंडेक्स कमजोर होने के चलते रुपया स्थिर रहा। त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिका में उम्मीद से बेहतर खुदरा बिक्री के आंकड़ों ने उपभोक्ता खर्च में विश्वास बढ़ाया, जिससे अमेरिका में मंदी की आशंका कम हुई। इसके अलावा, भारतीय पूंजी बाजारों में बढ़त ने इसे समर्थन प्रदान किया, जिससे रुपया 84 से नीचे गिरने से बच गया।
घरेलू बाजारों ने रुपया को दिया सहारा
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 102.66 पर रहा। शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख ने रुपये को निचले स्तर पर सहारा दिया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच भू-राजनीतिक तनाव के कारण रुपया थोड़ा नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा।