मॉर्गन स्टेनली के एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंवेस्टेबल इंडेक्स (MSCI EM IMI) में सितंबर, 2024 के दौरान भारत ने वेटेज के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। सूत्रों ने ये जानकारी देते हुए कहा कि MSCI EM IMI में भारत का वेटेज चीन के 21.58 प्रतिशत की तुलना में 22.27 प्रतिशत रहा। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि एमएससीआई ईएम आईएमआई में हुए इस बदलाव के बाद भारतीय शेयर बाजार में लगभग 4.5 अरब डॉलर यानी करीब 37,000 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है।
MSCI IMI इंडेक्स में शामिल हैं 3355 कंपनियों के शेयर
MSCI IMI इंडेक्स में 3355 कंपनियों के शेयर शामिल हैं, जिनमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां हैं। इस इंडेक्स में उभरते बाजार वाले 24 देशों के शेयर शामिल हैं। मुख्य MSCI EM इंडेक्स में लार्ज और मिड कैप वाली कंपनियां शामिल होतीं हैं, वहीं आईएमआई को लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप वाली कंपनियों के साथ ज्यादा व्यापक बनाया गया है।
विपरीत आर्थिक हालातों के कारण संघर्ष कर रहे हैं चीन के बाजार
सूत्रों ने कहा कि स्मॉल कैप वाली कंपनियों की ज्यादा वेटेज कैपेसिटी की वजह से एमएससीआई आईएमआई इंडेक्स में भारत का वेटेज चीन के मुकाबले ज्यादा है। उन्होंने कहा कि ये बदलाव व्यापक मार्केट ट्रेंड को दर्शाता है। विपरीत आर्थिक हालातों के कारण चीन के बाजार संघर्ष कर रहे हैं, जबकि भारत के बाजारों को अनुकूल व्यापक आर्थिक हालातों से फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि भारत ने मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ ही भारतीय कॉरपोरेट जगत के शानदार प्रदर्शन के दम पर शेयर बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया है।
इन वजहों से बेहतर हुई भारत की स्थिति
सूत्रों ने बताया कि 2024 की शुरुआत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भारतीय ऋण बाजारों में पर्याप्त विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) के चलते भारत की स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 से अगस्त 2024 के दौरान एमएससीआई ईएम इंडेक्स में भारत का वेटेज 18 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया, जबकि इसी अवधि में चीन का वेटेज 25.1 प्रतिशत से घटकर 24.5 प्रतिशत हो गया।
पीटीआई इनपुट्स के साथ