ग्लोबल शेयर मार्केट में कमजोरी के बावजूद आज भारतीय बाजार हरे निशान में बंद हुए। बुधवार को शेयर बाजार लाल निशान में खुला। हालांकि, बाद में खरीदारी लौटने से तेजी लौटी। अंत में बीएसई सेंसेक्स 173.22 अंक चढ़कर 66,118.69 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी 51.75 अंक की मजबूती के साथ 19,716.45 अंक पर बंद हुआ। आज के कारोबार में बैंकिंग स्टॉक्स में कमजोरी रही। एसबीआई, एचडीएफसी और आईआईसीआई बैंक लाल निशान में बंद हुए। आपको बता दें कि अमेरिकी बाजारो के कमजोर रुख और विदेशी कोषों की लगातार निकासी के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट आई।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 202.34 अंक टूटकर 65,743.13 अंक पर खुला था। एनएसई निफ्टी 60.55 अंक के नुकसान से 19,604.15 अंक पर खुला था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी तथा जापान का निक्की, नुकसान में, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.99 प्रतिशत की गिरावट के साथ 94.89 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 693.47 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
इन कंपनियों के शेयरों में तेजी
सेंसेक्स की कंपनियों में लार्सन एंड टुब्रो, आईटीसी, सन फार्मा, मारुति, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर लाभ में रहे। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाइटन, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील और नेस्ले शामिल हैं। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहे थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 94.88 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 693.47 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
आर्थिक विकास दर बेहतर रहने की संभावना
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यूरोपीय बाजारों में अच्छी शुरुआत से बाजार दोपहर कारोबार में लाभ में आया। वैश्विक स्तर पर ब्याज दर तथा तेल के ऊंचे दाम को लेकर चिंता की भरपाई घरेलू कारकों से हुई। इसमें आर्थिक वृद्धि दर बेहतर रहने की संभावना और कंपनियों का तिमाही परिणाम अच्छा रहने का अनुमान शामिल है।’’ उन्होंने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने और बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने का अन्य सूचकांकों पर नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।