अगले हप्ते शेयर बाजार की चाल वैश्विक संकेतों पर निर्भर करेगा। खासतौर से अमेरिका स्थित सिलिकॉन वैली बैंक डूबने का व्यापक असर बाजार पर दिखाई दे सकता है। मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक सिलिकॉन वैली बैंक डूबने के बाद सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो सबसे ज्यादा असर बैंकिंग, आईटी, टेक और स्टार्टअप कंपनियों के स्टॉक पर देखने को मिल सकता है। वैश्विक मंदी के बीच सिलिकॉन वैली बैंक डूबने से 2008 जैसे हालात की आशंका से इन सेक्टर्स के स्टॉक पर दबाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा बाजार पर खुदरा महंगाई के आंकड़े और विदेशी निवेशकों के रुख प्रभावित करेंगे।
बाजार में गिरावट जारी रहने की आशंका
स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, भारतीय इक्विटी बाजारों में कमजोरी के लिए खराब वैश्विक संकेतों का प्रमुख योगदान था, और इसका असर अगले सप्ताह भी बना रहेगा। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के वित्त पोषण के लिए एक प्रमुख स्रोत सिलिकॉन वैली बैंक की विफलता ने वैश्विक वित्तीय प्रणाली की मजबूती को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख की टिप्पणी के बाद वैश्विक बाजार फिर से अनिश्चितता की चपेट में आ गया है, जिन्होंने ब्याज दर में लंबे समय तक और तेज वृद्धि की संभावना का संकेत दिया है।
बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था बाजार
बीते सप्ताह प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई और विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक फरवरी के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार करेंगे, जो सोमवार को जारी होंगे। कमजोर वैश्विक संकेतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली के बीच शुक्रवार को बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 671.15 अंक या 1.12 प्रतिशत गिरकर 59,135.13 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स 10 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान कुल 1.12 प्रतिशत या 673.84 अंक गिरा।