आज के समय में बहुत सारे लोग शेयरों में निवेश करते हैं। अगर आप भी शेयर में पैसा लगाते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आप पैसे की जरूरत पड़ने पर अपने शेयर के एवज में लोन आसानी से ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड हाउस और कई बैंक शेयरों के बदले लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में देते हैं। इसलिए मूल राशि के लिए कोई निश्चित रीपेमेंट या EMI नहीं होती है। हालांकि, लोन की अविध 1 साल के लिए होती है। आप अपनी सुविधा के अनुसार लोन अवधि के दौरान कभी भी मूल राशि का पुनर्भुगतान कर सकते हैं। आपसे मासिक आधार पर केवल ब्याज लिया जाएगा जो पंजीकृत बैंक खाते से स्वतः डेबिट हो जाएगा।
शेयरों के बदले लोन कैसे काम करता है?
शेयरों के बदले लोन (LAS) उधारकर्ताओं को ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत दिया जाता है। इसमें इक्विटी होल्डिंग्स को गिरवी रखने लोन दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि ₹10 लाख मूल्य के शेयर गिरवी रखे गए हैं, तो उधारकर्ता भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकतम ऋण-से-मूल्य (LTV) अनुपात 50% के अनुसार ₹5 लाख तक का लोन मिल जाएगा। मिड-कैप या स्मॉल-कैप स्टॉक के लिए, LTV 30% तक गिर सकता है।
शेयर की वैल्यू गिरने पर क्या होगा?
उदाहरण के लिए, यदि कोई उधारकर्ता ₹10 लाख मूल्य के शेयरों के बदले में ₹5 लाख की ओवरड्राफ्ट सुविधा का पूरा उपयोग करता है, और शेयर का मूल्य ₹8 लाख तक गिर जाता है, तो LTV 50% के निशान को पार कर जाता है। इसे बहाल करने के लिए, उधारकर्ता को या तो ऋण राशि को घटाकर ₹4 लाख करना होगा या कवरेज बनाए रखने के लिए ₹2 लाख मूल्य के अन्य शेयर गिरवी रखने होंगे। LTV का पुनर्मूल्यांकन दैनिक आधार पर होता है।
कितना ब्याज वसूल किया जाता है?
उदाहरण के लिए, अगर आप शेयर के बदले 10% की वार्षिक ब्याज दर पर ₹5 लाख उधार लेते हैं, तो दैनिक ब्याज दर लगभग 0.03% होगी, जो मासिक ब्याज दर 0.85% होगी। इसका मतलब है कि आपका मासिक ब्याज भुगतान लगभग ₹4,246 होगा। चूंकि LAS एक ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में कार्य करता है, इसलिए ब्याज केवल उपयोग की गई राशि पर ही लगाया जाता है, जिससे उधारकर्ताओं को अतिरिक्त लचीलापन मिलता है। अधिकांश ऋणदाता 9-12% के बीच ब्याज दर लेते हैं।
ब्याज का भुगतान नहीं करने पर बेच देंगे शेयर
अगर उधारकर्ता नियत तिथि से 60-90 दिनों तक ब्याज का भुगतान नहीं करता है तो ऋणदाता गिरवी रखे गए शेयरों को बेच भी सकते हैं, जो ऋणदाता द्वारा दी जाने वाली ऋण शर्तों पर निर्भर करता है। एक्सपर्ट का कहना है कि शेयरों के बदले लोन का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब पैसे की बहुत जरूरत हो, क्योंकि आपके शेयर खत्म होने का जोखिम हमेशा बना रहता है।