Share Market: घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार तेजी बनी रही और बीएसई सेंसेक्स करीब 235 अंक चढ़कर फिर 61,000 अंक के स्तर को पार कर गया। वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख के बीच बैंक, वाहन और धातु शेयरों में अच्छी लिवाली से बाजार में तेजी रही।
कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती और विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से भी घरेलू बाजारों को समर्थन मिला। भारी उतार-चढ़ाव के बीच तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 234.79 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,185.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान मानक सूचकांक ऊंचे में 61,401.54 अंत तक गया और नीचे में 60,714.34 अंक तक आया।
निफ्टी में भी दिखी तेजी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 85.65 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,202.80 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक सबसे अधिक 3.44 प्रतिशत चढ़ा। एसबीआई ने शनिवार को कहा कि कर्ज और ब्याज आय में मजबूती से उसका शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 74 प्रतिशत बढ़कर 13,265 करोड़ रुपये रहा। यह बैंक का किसी तिमाही में अबतक का सबसे अधिक लाभ है। इसके अलावा टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, पावरग्रिड और एचडीएफसी बैंक भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
ये शेयर घाटे में रहे
इसके उलट नुकसान में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, बजाज फिनसर्व, सन फार्मा, टाइटन, कोटक बैंक और डॉ.रेड्डीज शामिल हैं। अगर आपने इनमें निवेश किया होता तो आज आपको नुकसान उठाना पड़ जाता, क्योंकि आज इनके शेयर में 2.37 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। बता दें, सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजार को स्पष्ट दिशा का इंतजार है। हालांकि, यह लाभ में बंद हुआ। दवा कंपनियों के शेयरों में नुकसान की भरपाई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, वाहन और धातु शेयरों में लिवाली से हुई। तेजी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अगुवा रहे। इसका कारण प्रमुख बैंकों का लाभ बेहतर रहना है।’’
बाजार में वापसी के ये हैं बड़े कारण
उन्होंने कहा, ‘‘चीन में कोविड पाबंदियों के हटने की अफवाह और अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़ों से भी बाजार को समर्थन मिला है। हालांकि, निवेशकों को बाजार की दिशा के लिये अमेरिका में महंगाई के आंकड़ों की प्रतीक्षा है। इसका कारण कंपनियों के तिमाही परिणामों के बाद घरेलू स्तर पर स्पष्ट रुख का अभाव है।’’ रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनुकूल रुख और सकारात्मक घरेलू कारकों से बाजार धीरे-धीरे ऊपर चढ़ रहा है। हालांकि बाजार के उच्चस्तर पर पहुंचने के साथ गति के अभाव के संकेत दिख रहे हैं। सभी चीजों को देखते हुए, हमारा मानना है कि प्रतिभागियों को शेयर चयन पर ध्यान देना चाहिए।’’
कैसा रहा अंतरराष्ट्रीय मार्केट
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट, जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को बढ़त में रहा था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.19 प्रतिशत टूटकर 98.38 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे चढ़कर 81.90 (अस्थायी) पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुक्रवार को शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 1,436.25 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।