भारत के आम निवेशक अब रिस्क के साथ निवेश करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यही वजह है कि भारत में शेयर बाजार निवेशकों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। भारतीय शेयर बाजार एक्सचेंज एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ने गुरुवार को बताया कि 8 अगस्त, 2024 को उसके रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गई।
एनएसई पर रजिस्टर्ड कुल खातों की संख्या 19 करोड़
खास बात ये है कि एनएसई के कुल 10 करोड़ निवेशकों में से 1 करोड़ निवेशक तो सिर्फ पिछले 5 महीनों में रजिस्टर किए गए हैं। इतना ही नहीं, एनएसई ने बताया कि एक्सचेंज के साथ रजिस्टर्ड क्लाइंट कोड (खातों) की कुल संख्या 19 करोड़ है (क्लाइंट एक से ज्यादा ट्रेडिंग मेंबर्स के साथ रजिस्टर कर सकते हैं)।
डिजिटल हो रहे भारत में शेयर बाजार में आसान निवेश, निवेशक जागरूकता में बढ़ोतरी, वित्तीय समावेशन और बाजार के प्रदर्शन को देखते हुए पिछले 5 सालों में निवेशकों की संख्या में तीन गुना से ज्यादा का उछाल देखा गया है। पिछले कुछ सालों में एनएसई पर निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में गजब की तेजी देखने को मिली है।
4 करोड़ निवेशक होने में लगा था 25 साल का समय
एक्सचेंज ने बताया कि मार्च 2021 में रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 4 करोड़ तक पहुंचने में 25 साल से ज़्यादा का समय लग गया था। इसके बाद एक-एक करोड़ (4 करोड़ से 10 करोड़ तक) निवेशकों की बढ़ोतरी औसतन 6-7 महीनों में हुई है।
शेयर बाजार में दिलचस्पी दिखा रहें हैं देश के युवा
एनएसई को अपने आखिरी के एक करोड़ निवेशकों को जोड़ने में सिर्फ 5 महीनों का ही समय लगा। एनएसई द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 10 करोड़ रजिस्टर्ड इंवेस्टर्स में निवेशकों की औसत उम्र 32 साल है जबकि 5 साल पहले ये 38 साल थी। जिससे साफ पता चलता है कि आज के भारत का युवा शेयर बाजार में काफी दिलचस्पी दिखा रहा है।
हर 5 में से 1 निवेशक महिला
इसके अलावा, आज लगभग प्रत्येक 5 में से 1 निवेशक महिला है। एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने कहा, ''निवेशकों की संख्या में इस तेजी के पीछे कई कारण हैं, जिसमें सुव्यवस्थित केवाईसी प्रक्रिया, वित्तीय साक्षरता में वृद्धि और पॉजिटिव मार्केट ट्रेंड शामिल है।