स्वतंत्रता दिवस (Independence day) के अवसर पर गुरुवार को शेयर बाजार (Stock makret ) बंद रहने के चलते अगले हफ्ते 4 दिन ही शेयर बाजार खुलेंगे। अब सवाल उठता है कि सोमवार से शुरू हो रहे नए हफ्ते में बाजार की चाल कैसी रहेगी? क्या शुक्रवार की तेजी आगे बढ़ेगी या फिर मंदी लौटेगी? मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि Macro-economic डेटा, कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे और वैश्विक रुझान आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार की कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधि भी बाजार में गतिविधियों को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक होगी।
बाजार में कमजोरी संभव
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा, "इस सप्ताह सबका ध्यान वैश्विक बाजारों पर रहेगा क्योंकि हम स्थिरता की लंबी अवधि के बाद कमजोरी का असर देख सकते हैं। भारतीय इक्विटी बाजार में भी इस सप्ताह कुछ हद तक स्तर बनाए रखने की स्थिति से जूझ सकते हैं। बाजार के ऊंचे मूल्यांकन के अलावा भू-राजनीतिक तनाव भी बढ़ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर अप्रैल-जून तिमाही के लिए कंपनियों के वित्तीय नतीजों का अंतिम दौर इस सप्ताह खास शेयरों की दिशा तय करेंगे। इस सप्ताह हीरो मोटोकॉर्प और हिंडाल्को जैसी कुछ बड़ी कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं।
इन कंपनियों के तिमाही रिजल्ट आएंगे
गौर ने कहा, "संस्थागत प्रवाह भी बाजार की गतिशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।" वोडाफोन आइडिया, एनएमडीसी, आईआरसीटीसी, एसजेवीएन और पीसी ज्वैलर भी सप्ताह के दौरान अपनी तिमाही आय की घोषणा करेंगे। व्यापक आर्थिक मोर्चे पर सोमवार को जून के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े और जुलाई की खुदरा मुद्रास्फीति दर की घोषणा की जाएगी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा बुधवार को जारी किया जाएगा। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह आने वाले भारतीय मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अलावा वैश्विक बाजार घरेलू बाजार की दिशा तय करेंगे।
24,000 एक अहम सपोर्ट लेवल
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि निफ्टी ने साप्ताहिक चार्ट में हैमर कैंडल बनाया है यानि ऊंचाई से गिरने के बाद उबरा है जो दिखाता है कि आने वाले सप्ताह में बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है। निफ्टी के लिए 24,400 एक अहम रुकावट का स्तर है। अगर यह उसके पार निकल जाता है तो 25 हजार अंक की तरफ जा सकता है। वहीं, 24,000 एक अहम सपोर्ट लेवल है। अगर यह उससे नीचे टूटता है तो 23,500 अंक तक लुढ़क सकता है। ऐसे में गिरावट पर खरीदारी निवेशकों के लिए एक अच्छी रणनीति हो सकती है।
गिरावट के बाद संभला था बाजार
पिछले सप्ताह, बीएसई सेंसेक्स 1,276.04 अंक यानी 1.57 प्रतिशत गिरा जबकि एनएसई निफ्टी 350.2 अंक यानी 1.41 प्रतिशत की गिरावट पर रहा। येन कैरी ट्रेड के बंद होने और अमेरिका में मंदी की आशंकाओं के कारण पिछले सप्ताह वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई।