अच्छे शेयर चुनना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, थोड़ा सा दिमाग लगाएंगे तो अच्छे शेयर खुद ब खुद आपकी झोली में चले आएंगे। आज मैं इसी बारे में आपको बताने जा रहा हूं। म्यूचुअल फंड में जिसने भी साल या 2 साल का वक्त निवेश करते हुए गुजार लिए हैं, ये आर्टिकल उनलोगों की काफी मदद करने वाला है। जो लोग म्यूचुअल फंड के बाद अब इक्विटी मार्केट में डायरेक्ट निवेश करने की सोच रहे हैं, वो लोग इसे ध्यान से समझ लें।
अभी तक आप सही म्यूचुअल फंड को सलेक्ट करने के लिए टॉप-5 म्यूचुअल फंड की लिस्ट देखकर उनमें से किसी एक को सलेक्ट कर निवेश कर रहे थे। कितने समय के लिए आप निवेश करने वाले हैं, उस मापदंड को देखते हुए किसी लार्जकैप फंड में पैसे लगा रहे थे। लेकिन आप में से बहुत कम लोगों ने ही एक जरूरी बात पर गौर किया होगा। क्या है वो जरूरी बात? इसे समझिए।
टॉप-5 म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो पर नजर दौड़ाएं
जब आप टॉप-5 म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो पर नजर दौड़ाएंगे (यानी वो म्यूचुअल फंड किन-किन शेयर्स में निवेश करता है)तो कुछ शेयर उनमें कॉमन नजर आएंगे। आपको उन कॉमन शेयर्स की लिस्ट बनानी है। आपके पास कम से कम 3 या 4 ऐसे शेयर आएंगे, जिनमें टॉप-5 म्यूचुअल फंड पैसे निवेश करते हैं।
कच्चा आम, पका आम के उदाहरण से समझिए
अभी तक आपने शेयर को सलेक्ट करने का ये नया तरीका सीख लिया। अब आपको उस शेयर को अपने पोर्टफोलियो में कब शामिल करना है इसे जान लीजिए। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
आम सभी को अच्छे लगते हैं बच्चा हो या बड़ा, सभी इसे चाव से खाते हैं। मान लीजिए, आपके दोनों हाथों में एक-एक आम है। एक में कच्चा और एक में पका हुआ आम। आप 20 साल के एक युवक को बुलाते हैं और आम खाने के लिए अपने दोनों हाथ उसके आगे बढ़ाते हैं, वो युवक पके हुए आम को देखता है और उसे उठा लेता है। कुछ देर बाद एक छोटा बच्चा आता है। उसके सामने भी आपने दोनों हाथ आगे किए। वो बच्चा कभी कच्चे आम की तरफ देखता है, कभी पके हुए आम की तरफ। उसे ये तो पता है कि ये दोनों आम हैं, लेकिन ये नहीं पता कि कौन सा आम मीठा होगा, कच्चा वाला या पका वाला और किसे कब खाना है। वो आपके हाथों में रखे दोनों आम उठा लेता है।
यहां आम का मतलब शेयर से है। वो शेयर जिसे आपने निवेश के लिए चुना है। शेयर बाजार में नए निवेशक को यहां बच्चे के रूप में और 20 साल के युवक को अनुभवी निवेशक के रूप में लिया गया है।
अपने ड्रीम शेयर को कब और कैसे खरीदें
जो अनुभवी लोग हैं उन्हें ये पता होता है कि उन्हें अपना ड्रीम शेयर कब और कितने भाव में लेना है। लेकिन जो लोग नए होते हैं वो ये तो पता कर लेते हैं कि उन्हें कौन से शेयर लॉन्ग टर्म के लिए खरीदकर रख लेना चाहिए। लेकिन ये नहीं पता होता कि आखिर किस भाव में खरीदना है। ऊपर समझाए गए उदाहरण में जिस तरह बच्चे को आम के कच्चे या पके होने का बोध नहीं होता है, ठीक उसी तरह नए निवेशक अपने ड्रीम शेयर में गलत टाइम में एंट्री लेकर लंबे समय तक के लिए फंस जाते हैं। इसके लिए उन्हें अपने फेवरेट शेयर के भाव के कम से कम 2 से 3 फीसदी तक गिरने का इंतजार करना चाहिए। और धीरे-धीरे ठीक-ठाक गिरावट पर उसे खरीदते रहना चाहिए। जिससे उस शेयर की एवरेज वैल्यू करेंट प्राइस के काफी नीचे आ जाएगी, और आप जल्द ही उस शेयर में अच्छा मुनाफा देख सकते हैं। इस तरीके को और अच्छी तरह समझने के लिए आप नीचे दिए आर्टिकल के लिंक को क्लिक कर उसे पढ़ सकते हैं और अपने इन्वेस्टिंग के सफर को और आसान बना सकते हैं
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